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जिला अस्पताल के गेट पर तड़पती रही प्रसूता, प्रसव के आधे घंटे बाद मिला इलाज

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Published : Oct 20, 2020, 5:27 PM IST

बैतूल जिला अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. जहां एक तड़पती प्रसूता ने गेट पर ही नवजात को जन्म दिया. इसके बाद काफी समय तक नवजात वहीं पड़ा रहा, लेकिन महिला को अस्पताल में कोई भर्ती कराने तक नहीं पहुंचा.

Betul District Hospital
बैतूल जिला अस्पताल

बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां एक तड़पती प्रसूता ने गेट पर ही नवजात को जन्म दिया. इसके बाद वहीं पर काफी समय तक नवजात पड़ा रहा, लेकिन महिला को अस्पताल में कोई भर्ती कराने तक नहीं पहुंचा, न किसी ने महिला को अंदर ले जाने की जहमत उठाई.

सोमवार की रात करीब 11 बजे जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार पर एक प्रसूता डिलीवरी के लिए तड़पती रही. लेकिन उसे न तो कोई अंदर ले गया और न भर्ती कराया. सामने मौजूद कुछ युवकों के हल्ला मचाने के बाद लेबर रूम का स्टॉफ नीचे उतरा और फिर महिला को काफी समय बाद अस्पताल के अंदर ले जाया गया.

दरअसल बोड़ी गांव की एक महिला मुन्नी बाई प्रसव पीड़ा से तड़पती अपनी बेटी को लेकर एम्बुलेंस से जिला अस्पताल पहुंची थी, यहां एम्बुलेंस चालक ने प्रसूता को गेट पर ही उतार दिया और साथ आई महिला को पर्ची बनवाने के लिए ट्रामा सेंटर से दूर मुख्य अस्पताल भेज दिया. इस बीच एम्बुलेंस वापस हो गई और प्रसूता अकेले ही गेट पर आधा घंटे तक तड़पते मिली. यहां तक कि वह खून से लथपथ हो गई और उसकी डिलीवरी गेट पर ही हो गई.

इस हालात को देखकर युवक व्हील चेयर ले आए लेकिन महिला की हालत इतनी गंभीर थी कि वह लोग भी उसे उठाने या अंदर ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके. आखिर हल्ला मचने के बाद लेबर रूम से आई नर्स स्टॉफ ने उसे अंदर ले जाकर भर्ती किया. घटना के दौरान गेट पर न तो गार्ड तैनात था और न वार्ड बॉय. गार्ड के मुताबिक वो एक पेशेंट को लेकर अंदर गया था. वहीं वृद्धा और प्रत्यक्षदर्शी की माने तो वहां कभी कोई तैनात ही नहीं रहता है.

लिहाजा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से महिला की जान भी जा सकती थी, वहीं बच्चें की जान को भी खतरा हो सकता था, लेकिन इस पूरे मामले में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर इसे एम्बुलेंस की लापरवाही बता रहे हैं और जांच करने की बात कर रहे हैं.

बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां एक तड़पती प्रसूता ने गेट पर ही नवजात को जन्म दिया. इसके बाद वहीं पर काफी समय तक नवजात पड़ा रहा, लेकिन महिला को अस्पताल में कोई भर्ती कराने तक नहीं पहुंचा, न किसी ने महिला को अंदर ले जाने की जहमत उठाई.

सोमवार की रात करीब 11 बजे जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार पर एक प्रसूता डिलीवरी के लिए तड़पती रही. लेकिन उसे न तो कोई अंदर ले गया और न भर्ती कराया. सामने मौजूद कुछ युवकों के हल्ला मचाने के बाद लेबर रूम का स्टॉफ नीचे उतरा और फिर महिला को काफी समय बाद अस्पताल के अंदर ले जाया गया.

दरअसल बोड़ी गांव की एक महिला मुन्नी बाई प्रसव पीड़ा से तड़पती अपनी बेटी को लेकर एम्बुलेंस से जिला अस्पताल पहुंची थी, यहां एम्बुलेंस चालक ने प्रसूता को गेट पर ही उतार दिया और साथ आई महिला को पर्ची बनवाने के लिए ट्रामा सेंटर से दूर मुख्य अस्पताल भेज दिया. इस बीच एम्बुलेंस वापस हो गई और प्रसूता अकेले ही गेट पर आधा घंटे तक तड़पते मिली. यहां तक कि वह खून से लथपथ हो गई और उसकी डिलीवरी गेट पर ही हो गई.

इस हालात को देखकर युवक व्हील चेयर ले आए लेकिन महिला की हालत इतनी गंभीर थी कि वह लोग भी उसे उठाने या अंदर ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके. आखिर हल्ला मचने के बाद लेबर रूम से आई नर्स स्टॉफ ने उसे अंदर ले जाकर भर्ती किया. घटना के दौरान गेट पर न तो गार्ड तैनात था और न वार्ड बॉय. गार्ड के मुताबिक वो एक पेशेंट को लेकर अंदर गया था. वहीं वृद्धा और प्रत्यक्षदर्शी की माने तो वहां कभी कोई तैनात ही नहीं रहता है.

लिहाजा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से महिला की जान भी जा सकती थी, वहीं बच्चें की जान को भी खतरा हो सकता था, लेकिन इस पूरे मामले में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर इसे एम्बुलेंस की लापरवाही बता रहे हैं और जांच करने की बात कर रहे हैं.

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