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बैतूल: शासन की नीतियों के खिलाफ आदिवासी सड़कों पर उतरे

जिले के घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के चिचोली में आदिवासी सड़क पर उतरकर शासन की नीतियों का विरोध किया. आदिवासियों ने वन भूमि पर काबिज परिवारों को तुरंत वन भूमि के पट्टे देने की मांग की.

Protested tribals
प्रदर्शन करते आदिवासी
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Published : Jan 12, 2021, 11:02 PM IST

बैतूल। जिले के घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के चिचोली में शासन की नीतियों के खिलाफ आदिवासी सड़कों पर उतर आए हैं. समाजवादी जन परिषद के बैनर तले ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाले आदिवासियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को चिचोली जनपद परिसर में धरना प्रदर्शन कर प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया.

साप्ताहिक बाजार मंगलवार के दिन बड़ी संख्या में वन अंचलों से आए हुए आदिवासी प्रशासन की विभिन्न नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जनपद कार्यालय पहुंचे. समाजवादी जन परिषद के राजेंद्र गढ़वाल ने बताया कि सरकार आदिवासियों के साथ बहुत नाइंसाफी कर रही है. जल, जंगल और जमीन के आदिवासियों के नारे को बुलंद करते हुए सजप नेताओं ने बताया कि वे जंगलों में किसी भी कीमत पर निजी कंपनियों को नहीं घुसने देंगे. आदिवासियों ने जंगलों में तार फेंसिंग लगाकर उन्हें बेदखल करने की शासन की नीति का भी विरोध किया. आदिवासियों ने बताया कि बीड़ी के बंडल के दाम आसमान छू रहे हैं.

जबकि आदिवासियों को तेंदूपत्ता की तुड़ाई का उतना लाभ नहीं मिल रहा है. आदिवासियों ने वन भूमि पर काबिज परिवारों को भी तुरंत वन भूमि के पट्टे देने की मांग की. आदिवासियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों का भी विरोध करते हुए इसे निरस्त करने की बात दोहराई .धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिवासी जनपद परिसर में नारेबाजी करते हुए उपस्थित रहे.

बैतूल। जिले के घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के चिचोली में शासन की नीतियों के खिलाफ आदिवासी सड़कों पर उतर आए हैं. समाजवादी जन परिषद के बैनर तले ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाले आदिवासियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को चिचोली जनपद परिसर में धरना प्रदर्शन कर प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया.

साप्ताहिक बाजार मंगलवार के दिन बड़ी संख्या में वन अंचलों से आए हुए आदिवासी प्रशासन की विभिन्न नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जनपद कार्यालय पहुंचे. समाजवादी जन परिषद के राजेंद्र गढ़वाल ने बताया कि सरकार आदिवासियों के साथ बहुत नाइंसाफी कर रही है. जल, जंगल और जमीन के आदिवासियों के नारे को बुलंद करते हुए सजप नेताओं ने बताया कि वे जंगलों में किसी भी कीमत पर निजी कंपनियों को नहीं घुसने देंगे. आदिवासियों ने जंगलों में तार फेंसिंग लगाकर उन्हें बेदखल करने की शासन की नीति का भी विरोध किया. आदिवासियों ने बताया कि बीड़ी के बंडल के दाम आसमान छू रहे हैं.

जबकि आदिवासियों को तेंदूपत्ता की तुड़ाई का उतना लाभ नहीं मिल रहा है. आदिवासियों ने वन भूमि पर काबिज परिवारों को भी तुरंत वन भूमि के पट्टे देने की मांग की. आदिवासियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों का भी विरोध करते हुए इसे निरस्त करने की बात दोहराई .धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिवासी जनपद परिसर में नारेबाजी करते हुए उपस्थित रहे.

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