बैतूल| 18 करोड़ की लागत से बनी जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब मरीजों के परिजन लिफ्ट के अंदर फंस गए. सभी लोग करीब आधा घंटे तक लिफ्ट के अंदर ही फंसे रहे, जिन्हें बाद में लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया. लिफ्ट में फंसे हुए तीन लोगों में से दो लोग मरीज को खून देने जिला अस्पताल आए थे.
लिफ्ट में मरीजों के परिजनों के फंसे होने की बात हॉस्पिटल प्रबंधन को पता चली उसके बाद टेक्निकल स्टाफ लिफ्ट के पास पहुंचा और लिफ्ट को खोलने का प्रयास किया गया. काफी देर की मसक्कत के बाद जब लिफ्ट का गेट नहीं खुला तो लकड़ी की एक बल्ली से लिफ्ट का दरवाजा तोड़ा गया. लिफ्ट में फंसे लोग मरीजों के परिजन थे. जिनमें से दो लोग अपने मरीज को खून देने जिला अस्पताल आए थे. खून देने के बाद चक्कर आने के डर से ये सभी लिफ्ट के जरिए पहले फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर आ रहे थे, कि तभी लिफ्ट जाम हो गई.
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली कि लिफ्ट के अंदर कुछ लोग फंसे हुए हैं, तो उन्होंने तत्काल स्टाफ के लोगों को वहां भेजा और उस समय जो भी किया जा सकता था वो किया गया.