बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है, बच्चों की खरीद-फरोख्त पर बनी फिल्म 'सोल्ड' (National Award for the film Sold) को बेस्ट लीगल इनपुट कैटेगरी में राष्ट्रीय अवार्ड दिया गया है. लेखक, पत्रकार और पूर्व सदस्य बाल कल्याण समिति इरशाद हिंदुस्तानी के कांसेप्ट, परिकल्पना पर यह लघु फिल्म बनाई गई थी. जिसे छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव एवं प्रतियोगिता में अवॉर्ड और नकद पुरस्कार से नवाजा गया है.
प्रदर्शन के लिए 70 फिल्मों का चयन
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के तत्वावधान में शूट फॉर लीगल अवेयरनेस सीजन-3, राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव आयोजित किया गया था. इसकी पिछले दिनों पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम बिलासपुर में पुरस्कारों की घोषणा की गई. इस महोत्सव में 50 से ज्यादा देशों की 600 से ज्यादा फिल्में आई थीं. जिनमें 70 फिल्मों का प्रदर्शन के लिए का चयन किया गया था. महोत्सव में अलग-अलग श्रेणियों में फिल्में चुनी गईं. बेस्ट लीगल इनपुट कैटेगरी में सबसे बेहतर लीगल अवेयरनेस मानते हुए ज्यूरी ने फिल्म 'सोल्ड' को पहला पुरस्कार दिया.
सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म
ज्यूरी ने फिल्म की विषय वस्तु और उसके समापन में दी गई कानूनी सलाह (कंक्लुजन) को पुरस्कार योग्य पाया. फिल्म की परिकल्पना तैयार करने वाले पूर्व सदस्य बाल कल्याण समिति इरशाद हिंदुस्तानी ने बताया कि बच्चों की खरीद-फरोख्त की कहानी पर बनी यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित थी. आज भी समाज में कई कुरीतियां हैं, जहां नि:संतान दंपति बच्चों की खरीद-फरोख्त तक कर लेते हैं. जबकि बच्चों को गोद लेने की एक कानूनी प्रक्रिया है.
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शूटिंग में लगा केवल दो दिन का समय
इस फिल्म का निर्माण संजू झरबड़े और निर्देशन अमित कसेरा ने किया था. जबकि छायांकन और संपादन स्मिता मनोज लोखंडे ने किया. सतीश साहू, राजेश मसोदकर, सोना, शशि भलावी, अमीषा गावंडे ने फिल्म में मुख्य किरदार निभाए थे. फिल्म का संगीत अखिलेश जैन ने दिया है. दस मिनट की इस लघु फिल्म में कालाकारों ने दो दिन में जमकर मेहनत कर तैयार की थी.
(Short film Sold based on true incident)