बैतूल। रूस-यूक्रेन वॉर के चलते यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों की देश वापसी लगातार चिंता का विषय बना हुई है. भारत सरकार ने वहां फंसे नागरिकों को लाना शुरू कर दिया है, लेकिन कई बच्चे अभी भी वहां फंसे हुए हैं. ये सारे बच्चे वहां रहकर एमबीबीएस और अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे थे. ऐसे हालातों में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने छात्रों को रोमानिया, पोलेंड या हंगरी बार्डर पहुंचने के निर्देश दिए हैं.
बस कैब से पहुंच रहे रोमानिया, पोलेंड या हंगरी बार्डर
बार्डर पर पहुंचने के निर्देश के बाद सैकड़ों की संख्या में भारतीय स्टूडेंट कैब या बस में भारत का तिरंगा लगाकर बार्डर पर पहुंच रहे हैं. बार्डर पर भीड़ जमा हो जाने से स्टूडेंट को निकलने में घंटो समय लग रहा है. इसी बीच बैतूल के पाढर का छात्र भी रविवार सुबह रोमानिया बार्डर पर तो पहुंच गया है, लेकिन रविवार शाम तक भी वह बार्डर क्रास नहीं कर पाया है. रोमानिया बार्डर पर सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट के जमा हो जाने और बार्डर के दूसरी ओर बसों की व्यापक व्यवस्था नहीं हो पाने से स्टूडेंट बार्डर पर ही रुके हैं. वहीं बार्डर पर पहुंचने वाले छात्र डेंजर जोन से सेफ जोन में आ गए हैं.
रोमानिया बार्डर पर इंतजार कर रहे कई भारतीय छात्र
दीपांशु विश्वकर्मा यूक्रेन के बिन्नित्स्या शहर में फंस गए थे. तीन रात बंकर में गुजारने के बाद शनिवार शाम को दीपांशु सहित उनके कॉलेज के 30 छात्र बस से रोमानिया बार्डर पर पहुंचे. दीपांशु विश्वकर्मा के भाई मिथिलेश विश्वकर्मा ने बताया कि दीपांशु पिछले 12 घंटे से बार्डर पर हैं. दीपांशु की तरह भारत के लगभग 4 हजार स्टूडेंट बार्डर क्रास कर रोमानिया में प्रवेश करने का इंतजार कर रहे हैं. दीपांशु ने बताया कि बार्डर पर भारतीय छात्रों के लिए यूक्रेन के नागरिकों ने खाने की व्यवस्था की है. बार्डर क्रास करने के बाद रोमानिया से एयर इंडिया की फ्लाइट्स से भारत आएंगे. (Russia attack Ukraine) (Russia Ukraine War)