बैतूल। जिला अस्पताल बैतूल में पदस्थ एक शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इससे जिला प्रशासन समेत डॉक्टर से इलाज कराने वाले मरीजों में सनसनी फैल गयी है. डॉक्टर को जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है, जबकि उसका अस्पताल सील कर निवास के इलाके को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. बैतूल के महावीर वार्ड में रहने वाले डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती नवजात बालकों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ गयी है. इस एसएनसीयू में 34 बच्चे भर्ती हैं, जिनका यह डॉक्टर शुक्रवार तक इलाज करते रहे थे.
इधर बैतूल के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में इस डॉक्टर का निजी क्लिनिक है. जिसमें वे इस इलाके के सैकड़ों लोगों से इलाज के दौरान संपर्क में आए हैं. इससे इलाके में दहशत का माहौल है. स्वास्थ्य विभाग फिलहाल डॉक्टर की कांट्रेक्ट हिस्ट्री ट्रेस करने में जुटी हुई है.
बताया जा रहा है कि भोपाल से लौटे एक जनरल आइटम व्यापारी के संपर्क में आए थे. ये व्यापारी कल पॉजिटिव पाए गए थे, जिनको कल ही सांस लेने में तकलीफ के बाद हमीदिया भोपाल में भर्ती कराया गया है.
डॉक्टर के पास इस मरीज का लंबे समय से इलाज चल रहा था. डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आज कलेक्टर राकेश सिंह ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा, कोरोना नोडल डॉ सौरभ राठौर के साथ लंबी मीटिंग की रात साढ़े आठ बजे तक चलती रही, इस मीटिंग में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के पॉजिटिव आने पर बारीकी से चर्चा की गई.
सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा ने बताया कि डॉक्टर पॉजिटिव आये हैं. जिसका 28 जुलाई को पॉजिटिव मरीज से संपर्क हुआ था. डॉक्टर ने 30 तारीख तक जिला अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में नवजात बच्चों का इलाज किया है.
इस दृष्टि से वहां भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है. अगर किसी बच्चे में लक्षण पाए जाते हैं तो उसकी सैंपलिंग की जाएगी, हालांकि उन्होंने कहा कि वार्ड में तौनत डॉक्टर पूरे एहतियात बरतकर एसएनसीयू में बच्चों का इलाज करते हैं.
इधर जिला अस्पताल में कोरोना टेस्ट के प्रभारी डॉ आनंद मालवीय के मुताबिक पॉजिटिव आए डॉक्टर की रिपोर्ट में आया है कि उनके शरीर मे बहुत कम मात्रा में डिडक्शन आया है, मतलब वे पॉजिटिव हैं. लेकिन वायरस कम मात्रा में है. अगर उन्होंने एसएनसीयू में एन 95 उपयोग किया है तो रिस्क फैक्टर कम है.