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बुजुर्ग मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर, बॉटल थामे इमरजेंसी वार्ड तक ले गया बेटा

बैतूल जिले में स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल है. जिला अस्पताल में एक बुजुर्ग मरीज को स्ट्रेचर तक नहीं मिला, जबकि उसे बॉटल लगी हुई थी. जिसे उसका बेटा पकड़े हुए ही इमरजेंसी वार्ड तक ले गया.

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बैतूल न्यूज
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Published : Aug 22, 2020, 7:06 PM IST

बैतूल। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल कितना बेहाल है, इसका नाजारा जिला अस्पताल में देखने को मिला. जहां एक बेटा अपने बुजुर्ग पिता को गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचा. पिता को बॉटल लगी थी. जिसे बेटे ने हाथ में पकड़ रखा था, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उन्हें व्हील चेयर या स्ट्रेचर तक नहीं मिला.

बुजुर्ग मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर

बुजुर्ग पुन्नूलाल जब जिला अस्पताल पहुंचे तो उनका बेटा हाथ में बॉटल लेकर अपने पिता को पैदल ही इमरजेंसी वार्ड तक ले गया, जहां डॉक्टरों ने बुजुर्ग का चेकअप किया और बेटे को पर्ची बनाने और कोविड सेंटर में भर्ती होने के लिए बोला, लेकिन जो बॉटल उसके पिता को लगी थी. वो बॉटल बेटा पकड़े हुए था. लिहाजा वह उसी हालत में अपने पिता को पैदल ही लेकर कोविड सेंटर की तरफ चल दिया. बुजुर्ग मरीज कभी बैठ जाता कभी झुक जाता, ये देखकर ही लग रहा था कि उसकी हालत बहुत नाजुक है, इस दौरान किसी ने उसकी मदद नहीं की.

विधायक ने कही जांच की बात

मामला सामने आने के बाद कांग्रेस विधायक धरमू सिंह सिरसाम ने इस मामले की निंदा करते हुए जांच की बात कही. विधायक ने कहा कि वह कलेक्टर के अलावा उच्च अधिकारियों को इसकी शिकायत कर जांच की मांग करेंगे. स्वास्थ्य विभाग इस बड़ी लापरवाही पर पर्दा डालते हुए पिता-पुत्र को ही गलत ठहरा रहा है. सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा का कहना है कि पर्ची बनवाने के बाद वो डॉक्टर के पास नहीं पहुंचा और सीधे अपने मन से कोविड सेंटर की तरफ चला गया. बुजुर्ग मरीज को सांस लेने में दिक्कत थी, कोरोना सैंपल कराया गया था.

बैतूल। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल कितना बेहाल है, इसका नाजारा जिला अस्पताल में देखने को मिला. जहां एक बेटा अपने बुजुर्ग पिता को गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचा. पिता को बॉटल लगी थी. जिसे बेटे ने हाथ में पकड़ रखा था, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उन्हें व्हील चेयर या स्ट्रेचर तक नहीं मिला.

बुजुर्ग मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर

बुजुर्ग पुन्नूलाल जब जिला अस्पताल पहुंचे तो उनका बेटा हाथ में बॉटल लेकर अपने पिता को पैदल ही इमरजेंसी वार्ड तक ले गया, जहां डॉक्टरों ने बुजुर्ग का चेकअप किया और बेटे को पर्ची बनाने और कोविड सेंटर में भर्ती होने के लिए बोला, लेकिन जो बॉटल उसके पिता को लगी थी. वो बॉटल बेटा पकड़े हुए था. लिहाजा वह उसी हालत में अपने पिता को पैदल ही लेकर कोविड सेंटर की तरफ चल दिया. बुजुर्ग मरीज कभी बैठ जाता कभी झुक जाता, ये देखकर ही लग रहा था कि उसकी हालत बहुत नाजुक है, इस दौरान किसी ने उसकी मदद नहीं की.

विधायक ने कही जांच की बात

मामला सामने आने के बाद कांग्रेस विधायक धरमू सिंह सिरसाम ने इस मामले की निंदा करते हुए जांच की बात कही. विधायक ने कहा कि वह कलेक्टर के अलावा उच्च अधिकारियों को इसकी शिकायत कर जांच की मांग करेंगे. स्वास्थ्य विभाग इस बड़ी लापरवाही पर पर्दा डालते हुए पिता-पुत्र को ही गलत ठहरा रहा है. सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा का कहना है कि पर्ची बनवाने के बाद वो डॉक्टर के पास नहीं पहुंचा और सीधे अपने मन से कोविड सेंटर की तरफ चला गया. बुजुर्ग मरीज को सांस लेने में दिक्कत थी, कोरोना सैंपल कराया गया था.

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