बैतूल। बैतूल विधानसभा अनारक्षित है, राजनीतिक समीकरणों की अगर बात की जाए तो 2008 से लेकर 2018 तक बीजेपी दो बार और कांग्रेस एक बार चुनाव जीती है. इस बार कांटे की टक्कर बताई जा रही है. बात करें बैतूल विधानसभा की खासियत कि तो आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के तर्ज पर ही यहां पर एक बालाजी का मंदिर बनाया गया है, जो बैतूल विधानसभा की प्रमुख पहचाने में से एक है. भारत विभाजन के पहले अखंड भारत का केंद्र बिंदु बरसाली गांव में स्थित है, साथ ही इस विधानसभा में प्रमुख फसल सोयाबीन उगाई जाती है, जिस पर यहां की अर्थव्यवस्था निर्भर है.
विधानसभा चुनाव में बैतूल विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. यहां से बीजेपी प्रत्याशी हेमंत खंडेलवाल हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी निलय डागा हैं. इन दोनों प्रत्याशियों के वोट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के शिवपाल सिंह राजपूत काट सकते हैं.
बैतूल विधानसभा का राजनीतिक समीकरण: 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अल्केश आर्य ने यहां से कांग्रेस के विनोद डागा को चुनाव हराया था बीजेपी को 57,957 वोट मिले थे, तो वहीं कांग्रेस को 52566 वोट से संतुष्ट होना पड़ा था. वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में बैतूल से बीजेपी के हेमंत खंडेलवाल चुनाव जीते थे, उनका 82949 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस के हेमंत बागदरे को 58602 वोट मिले थे. इसके अलावा 2018 में यहां पर कांग्रेस ने बाजी मारते हुए निलेश कुमार डागा 96717 वोट मिले, तो वहीं भाजपा के हेमंत खंडेलवाल को 75072 वोट ही मिले थे. 21645 वोटो के अंतर से कांग्रेस यहां पर चुनाव जीती थी.
बैतूल विधानसभा के जातिगत समीकरण और मुद्दे: बैतूल विधानसभा सीट पर कुनबी, पवार जाति और आदिवासी वोट बड़ी संख्या में है, लेकिन विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण ज्यादा प्रभाव नहीं डालता. यही वजह हैं कि दोनों ही प्रमुख दल टिकट वितरण के दौरान जातिगत समीकरण की बजाए सक्षम और लोकप्रिय कैंडिडेट पर दांव लगाते हैं. इस इलाके में रोजगार एक बड़ा मुद्दा है, तो वहीं बैतूल-भोपाल फोरलेन का अधूरा काम भी जनता के लिए परेशानी का कारक है. शहर में रहड़ी-पटरी वाले स्थायी गुमठियां और हॉकर्स कॉर्नर न मिलने से परेशान हैं, तो बीजेपी यहां किसान कर्जमाफी को मुद्दा बना रही है.
बीजेपी का कहना है कि 2018 में झूठा वादा करके कांग्रेस ने सीट हथियाई थी, वहीं विधायक निलय डागा पर विधायक निधि से शहर के विकास कार्य न कराने का आरोप भी बीजेपी ने लगाया है. इसके अलावा इस मामले में कांग्रेस विधायक कहना है कि कांग्रेस की सरकार आई थी और बैतूल का विकास तेजी से हो रहा था, लेकिन बीजेपी ने सौदेबाजी की सरकार बनाई और बैतूल के विकास मैं रोक लगा दी. लेकिन एक बार फिर से अब कांग्रेस की सरकार आएगी और बैतूल विकास की रफ्तार में से दौड़ेगा.
बैतूल विधानसभा के मतदाता: बैतूल विधानसभा में कुल 2,50,240 मतदाता है, जिसमें से 1,27,393 पुरुष हैं, तो वहीं 1,22,836 महिला मतदाता के अलावा 11 अन्य मतदाता हैं.