बैतूल। कभी 100 रुपए किलो से अधिक दाम पर बिकने वाले टमाटर के दाम आजकल 1 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए हैं. दाम कम मिलने से परेशान किसान खेतों में ही टमाटर नष्ट कर रहे हैं. इसके साथ ही जंगल मे फेंक रहे हैं. जिले में टमाटर उत्पादक किसान इन दिनों केवल नुकसान झेल रहे हैं. बम्पर उत्पादन, स्टोरेज सुविधाओं का अभाव, जिले और जिले के बाहर मंडियों में मांग की कमी के चलते ये हालात बन गए हैं कि मजबूरी में किसान टमाटर की फसल खेतों में ही नष्ट कर रहे हैं या फिर इन टमाटरों से बंदर अपना पेट भर रहे हैं.
किसानों को झटका : बैतूल के भैंसदेही ब्लॉक के किसान प्रवीण धोटे ने हर साल की तरह इस साल भी बड़े रकबे में टमाटर लगाए थे. उन्हें उम्मीद थी कि अच्छे दाम मिलने से उन्हें मुनाफा होगा लेकिन हुआ बिल्कुल उल्टा. टमाटर के दाम 1 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं. मंडियों से टमाटर की मांग नहीं आ रही, जिससे टमाटर खेतों में लगे लगे सड़ रहे हैं. किसान को इतना भी दाम नहीं मिल रहा कि वो खेतों से टमाटर को तोड़ सकें. इसलिए प्रवीण सहित दूसरे किसानों ने भी खेतों में लगे टमाटर की फल पर रोटावेटर चला दिए हैं.
Tomato Farming MP टमाटर के भाव से किसान हो रहे लाल! लागत तो दूर तुड़वाई का भी नहीं निकल रहा पैसा
20 रुपए प्रति कैरेट पहुंचे दाम : टमाटर नष्ट करने के अलावा कई किसानों ने टमाटर तोड़कर ट्रकों में भरकर जंगल में ले जाकर फेंक दिए, जहां बंदर और दूसरे जीव-जंतु टमाटरों की दावत उड़ा रहे हैं. बम्पर उत्पादन के बावजूद बैतूल और जिले के बाहर की मंडियों से भी टमाटर की मांग नहीं आ रही, जिससे मंडियों में टमाटर के दाम 20 रुपये प्रति कैरेट तक आ चुके हैं. इससे पहले बैतूल में पत्तागोभी के दाम 15 से 20 पैसे प्रति किलोग्राम तक आने से सैकड़ों किसानों ने इसकी फसल को नष्ट कर दिया था. कृषि प्रधान बैतूल जिले में स्टोरेज सुविधाओं का अभाव और बेहतर मार्केटिंग ना होने से हर साल किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं. वहीं, सब्डी मंडी में व्यापारी अकरम खान कहते हैं कि टमाटर की डिमांड नहीं है.