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MP Betul: मां की तेरहवीं पर मृत्युभोज न देकर लगाया रक्तदान शिविर, समाज को दिया संदेश

बैतूल में एक अनोखी पहल देखी गई है. राठौर परिवार ने अपनी मां के निधन पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया. तेरहवीं पर मृत्युभोज न कराकर इस परिवार ने रक्तदान शिविर लगाया. इस शिविर में परिजनों, रिश्तेदारों के अलावा शहरवासियों ने रक्तदान किया.

Blood donation camp mother tehravee
मां की तेरहवीं पर मृत्युभोज न देकर लगाया रक्तदान शिविर
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Published : Mar 18, 2023, 3:03 PM IST

मां की तेरहवीं पर मृत्युभोज न देकर लगाया रक्तदान शिविर

बैतूल। बैतूल में राठौर परिवार ने रूढ़ीवादी प्रथाओं से हटकर एक अनुकरणी पहल शुरू की है. मां के निधन पर उन्हें रक्तदान कर श्रद्धांजलि दी गई. राठौर समाज के जिलाध्यक्ष अनिल राठौर और ओमप्रकाश राठौर की माताजी चम्पा बाई राठौर का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उनका श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. आमतौर पर श्रद्धांजलि और तेरहवीं में मृत्युभोज दिया जाता है, लेकिन राठौर परिवार ने इस परंपरा से हटकर एक अनुकरणी पहल शुरू की है. मां के निधन पर उन्हें रक्तदान कर श्रद्धांजलि दी गई.

शिविर में 41 यूनिट रक्त एकत्र : श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आयोजित रक्तदान शिविर में 51 यूनिट रक्त जुटाया गया. राठौर समाज के जिलाध्यक्ष अनिल राठौर ने बताया कि श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और समाज के इच्छुक सदस्यों ने रक्तदान कर मां को श्रद्धांजलि दी. अनिल राठौर का कहना है कि मां की स्मृति में किए गए रक्तदान के प्रति उद्देश्य है कि यह रक्त जरूरतमंद मरीजों की जान बचा सके. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में ओमप्रकाश राठौर ने बताया कि अस्पतालों में कई बार रक्त की कमी के कारण मरीज अपनी जान गंवा देते हैं. मां को श्रद्धासुमन के साथ ही रक्तदान से जरूरतमंद मरीजों की मदद हो जाएगी.

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मृत्युभोज बंद होना चाहिए : बता दें कि अब समाज की सोच बदलने लगी है. तेरहवीं को लेकर भी लोगों के विचार बदल रहे हैं. अब कई लोगों ने मृत्युभोज बंदकर अनाथ व बुजुर्गों को खाना खिलाना और कपड़े भेंट करना शुरू कर दिया है. अपने प्रियजन की बरसी पर भी लोग वृद्धाश्रम जाकर सेवा करते हैं. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मौजूद समाजसेवी शैलेन्द्र बिहारिया ने बताया कि रक्तदान में शहरवासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. लोगों का कहना है कि अब मृत्युभोज बंद कर दिया जाना चाहिए.

मां की तेरहवीं पर मृत्युभोज न देकर लगाया रक्तदान शिविर

बैतूल। बैतूल में राठौर परिवार ने रूढ़ीवादी प्रथाओं से हटकर एक अनुकरणी पहल शुरू की है. मां के निधन पर उन्हें रक्तदान कर श्रद्धांजलि दी गई. राठौर समाज के जिलाध्यक्ष अनिल राठौर और ओमप्रकाश राठौर की माताजी चम्पा बाई राठौर का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उनका श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. आमतौर पर श्रद्धांजलि और तेरहवीं में मृत्युभोज दिया जाता है, लेकिन राठौर परिवार ने इस परंपरा से हटकर एक अनुकरणी पहल शुरू की है. मां के निधन पर उन्हें रक्तदान कर श्रद्धांजलि दी गई.

शिविर में 41 यूनिट रक्त एकत्र : श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आयोजित रक्तदान शिविर में 51 यूनिट रक्त जुटाया गया. राठौर समाज के जिलाध्यक्ष अनिल राठौर ने बताया कि श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और समाज के इच्छुक सदस्यों ने रक्तदान कर मां को श्रद्धांजलि दी. अनिल राठौर का कहना है कि मां की स्मृति में किए गए रक्तदान के प्रति उद्देश्य है कि यह रक्त जरूरतमंद मरीजों की जान बचा सके. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में ओमप्रकाश राठौर ने बताया कि अस्पतालों में कई बार रक्त की कमी के कारण मरीज अपनी जान गंवा देते हैं. मां को श्रद्धासुमन के साथ ही रक्तदान से जरूरतमंद मरीजों की मदद हो जाएगी.

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मृत्युभोज बंद होना चाहिए : बता दें कि अब समाज की सोच बदलने लगी है. तेरहवीं को लेकर भी लोगों के विचार बदल रहे हैं. अब कई लोगों ने मृत्युभोज बंदकर अनाथ व बुजुर्गों को खाना खिलाना और कपड़े भेंट करना शुरू कर दिया है. अपने प्रियजन की बरसी पर भी लोग वृद्धाश्रम जाकर सेवा करते हैं. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मौजूद समाजसेवी शैलेन्द्र बिहारिया ने बताया कि रक्तदान में शहरवासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. लोगों का कहना है कि अब मृत्युभोज बंद कर दिया जाना चाहिए.

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