बैतूल। नाबालिग से गैंगरेप मामले और पीड़िता को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वाले तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है, बताया जा रहा है कि घटना से एक दिन पहले 24 फरवरी की रात 11 बजे पीड़िता कोतवाली गई थी और करीब एक घंटे तक वहां बैठे रही, पुलिस ने सामान्य पूछताछ कर अपने वाहन से उसे घर पहुंचा दिया था.
ये बात सामने आते ही पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं, मसलन जब कोई नाबालिग लड़की इतनी रात को कोतवाली पहुंची तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने इसे सामान्य तरीके से क्यों लिया. यदि उस दिन थोड़ी भी गम्भीरता या संवेदनशीलता के साथ पुलिस नाबालिग से पूछताछ करती तो पीड़िता अपने साथ हुई ज्यादती पुलिस को बता सकती थी, मगर किसी भी पुलिसकर्मी ने ये करना उचित नहीं समझा, जिसका परिणाम ये हुआ कि पीड़िता ने 25 फरवरी को आत्मदाह कर लिया.
90 फीसदी तक झुलस चुकी नाबालिग पीड़िता को पहले जिला अस्पताल फिर नागपुर रेफर किया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. इस बारे में एसपी डीएस भदौरिया का कहना है कि पीड़िता ने पुलिस को दुष्कर्म की घटना के बारे में कुछ भी नहीं बताया था, उसने केवल बस छूटने की जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे घर छोड़ दिया था. इस घटना के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.