बैतूल। घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के छुरी गांव की आदिवासी महिलाओं की कंपनी सतपुड़ा वूमेन सिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने रेशम विभाग को पिछले साल जुलाई से जनवरी 2019 तक साढ़े तीन करोड़ का कोकून बेचा था, लेकिन इसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. कंपनी का 2 करोड़ 85 लाख रुपये सरकार पर बकाया है. महिलाएं भुगतान के लिए बीते छह महीने से अफसरों के चक्कर लगा रही हैं.
कंपनी चलाने वाली महिलाओं का कहना है कि पहले आमदनी हो रही थी तो वे खुश थीं. मक्का बाजरा छोड़कर ये लगा दिया, लेकिन अब वे बहुत परेशान हैं. जनवरी 2019 तक सब कुछ ठीक चला, लेकिन कमलनाथ सरकार बनने के दो माह बाद ही जनवरी 2019 से पेमेंट रोक दिया गया. अब हालात ये हैं कि छह माह से 2 करोड़ 85 लाख रुपये पाने के लिए कलेक्ट्रेट से लेकर रेशम विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. हालात ये हैं कि साहूकारों से 8 से दस परसेंट पर कर्ज लेकर परिवार चलाना पड़ रहा है.
अपनी पारंपरिक खेती छोड़ कर लगभग 1,166 आदिवासी महिलाओं ने शहतूत की खेती कर रेशम का उत्पादन शुरू किया है. इसके लिए कीड़े पालन से लेकर रेशम की पूरी प्रोसेसिंग कर रही महिलाओं की ये कंपनी अब बदहाली की तरफ बढ़ रही है. करोड़ों की रकम अटकने से नाराज महिलाओं ने शहतूत की फसल उखाड़ फेंकने की चेतावनी दी है.
इस मामले पर बैतूल कलेक्टर तेजस्वी एस नायक ने कहा कि रेशम विभाग से समन्वय बनाकर रकम का भुगतान करवाया जाएगा.