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Satpura Power Station: सारनी राख बांध में लगी भीषण आग, संकट में वन्यप्राणियों की जान

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Published : Feb 4, 2023, 5:54 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 6:08 PM IST

बैतूल के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के राख बांध में शुक्रवार को आग लग गई जिसे दमकल और मजदूरों की मदद से बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. बांध में थर्मल पॉवर स्टेशन में कोयले के जलने से निकलने वाली राख का भंडारण किया जाता है.

thermal power house sarni
सारनी थर्मल पावर हाउस राख बांध में लगी आग
सारनी थर्मल पावर हाउस राख बांध में लगी आग

बैतूल। जिले के सारनी में सतपुड़ा थर्मल पॉवर स्टेशन के राख बांध में शुक्रवार को भीषण आग लग गई. आग पर शनिवार को भी काबू नहीं पाया जा सका है. आग बांध के कई हिस्सों में आग लगी हुई है. मजदूरों और फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. बांध पर जमा होने वाली राख गर्मी के समय हवा‌ में ना उड़े इसलिए उसे रोकने के लिए बड़े पैमाने पर राख बांध पर घास लगाई जाती है. जिसके लिए बकायदा कार्यादेश जारी किया जाता है इस आग में वन्य प्राणियों के भी मरने की आशंका जताई जा रही है.

आग बुझाने में मशक्कत: राख बांध 373 हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसमें से 18 हेक्टेयर छोड़ कर बाकी का क्षेत्र वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. शुक्रवार सुबह राख बांध के सारनी शहर से सटे हिस्से में बड़े पैमाने पर आग लग गई. जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों द्वारा पर्यावरणविद् आदिल खान को दी. राख बांध के बहुत बड़े हिस्से में आग लगी में लगभग 15 फीट ऊंची आग की लपटे उठ रहीं थी. आग लगने की जानकारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के संबंधित अधिकारी और बैतूल कलैक्टर अमन बीर सिंह बैंस, संबंधित एसडीएम, बैतूल सीसीएफ को भी दी गई. दमकल गाड़ियां जहां आग लगी थीं वहां तक पहुंचने में असफल रही जिसके कारण आग बुझाने में समस्या हुई. शुक्रवार शाम कुछ मजदूरों को आग बुझाने राख बांध में उतारा गया, परंतु अंधेरा होने तक बस एक ही‌‌ हिस्से की आग बुझाने में सफलता मिली. शनिवार को भी बांध के कई हिस्सों में आग लगी हुई है.

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वन्यप्राणियों को संकट: विद्युत गृह के साथ ही कोयला जलाने से बनने वाली राख को स्टोर करने के लिए सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन द्वारा सारनी के समीप ही राख बांध का निर्माण किया गया था. सारनी निवासी पर्यावरणविद् आदिल खान बताते हैं कि राख बांध में बड़ी संख्या में पक्षी, सरीसृप और वन्यप्राणी भी रहते हैं. जिनमें खरगोश, जंगली सुअर, साही इत्यादि शामिल हैं. अगर वन्यप्राणियों के हिसाब से देखा जाए तो यह बांध राख से भरा होने के बाद भी वन्य जीवन को अपने में समेटे हुए है. इसी राख बांध से 3 साल पहले 2 बार बाघ का रेस्क्यू वन‌‌ विभाग के माध्यम से किया जा चुका है.

सारनी थर्मल पावर हाउस राख बांध में लगी आग

बैतूल। जिले के सारनी में सतपुड़ा थर्मल पॉवर स्टेशन के राख बांध में शुक्रवार को भीषण आग लग गई. आग पर शनिवार को भी काबू नहीं पाया जा सका है. आग बांध के कई हिस्सों में आग लगी हुई है. मजदूरों और फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. बांध पर जमा होने वाली राख गर्मी के समय हवा‌ में ना उड़े इसलिए उसे रोकने के लिए बड़े पैमाने पर राख बांध पर घास लगाई जाती है. जिसके लिए बकायदा कार्यादेश जारी किया जाता है इस आग में वन्य प्राणियों के भी मरने की आशंका जताई जा रही है.

आग बुझाने में मशक्कत: राख बांध 373 हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसमें से 18 हेक्टेयर छोड़ कर बाकी का क्षेत्र वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. शुक्रवार सुबह राख बांध के सारनी शहर से सटे हिस्से में बड़े पैमाने पर आग लग गई. जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों द्वारा पर्यावरणविद् आदिल खान को दी. राख बांध के बहुत बड़े हिस्से में आग लगी में लगभग 15 फीट ऊंची आग की लपटे उठ रहीं थी. आग लगने की जानकारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के संबंधित अधिकारी और बैतूल कलैक्टर अमन बीर सिंह बैंस, संबंधित एसडीएम, बैतूल सीसीएफ को भी दी गई. दमकल गाड़ियां जहां आग लगी थीं वहां तक पहुंचने में असफल रही जिसके कारण आग बुझाने में समस्या हुई. शुक्रवार शाम कुछ मजदूरों को आग बुझाने राख बांध में उतारा गया, परंतु अंधेरा होने तक बस एक ही‌‌ हिस्से की आग बुझाने में सफलता मिली. शनिवार को भी बांध के कई हिस्सों में आग लगी हुई है.

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वन्यप्राणियों को संकट: विद्युत गृह के साथ ही कोयला जलाने से बनने वाली राख को स्टोर करने के लिए सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन द्वारा सारनी के समीप ही राख बांध का निर्माण किया गया था. सारनी निवासी पर्यावरणविद् आदिल खान बताते हैं कि राख बांध में बड़ी संख्या में पक्षी, सरीसृप और वन्यप्राणी भी रहते हैं. जिनमें खरगोश, जंगली सुअर, साही इत्यादि शामिल हैं. अगर वन्यप्राणियों के हिसाब से देखा जाए तो यह बांध राख से भरा होने के बाद भी वन्य जीवन को अपने में समेटे हुए है. इसी राख बांध से 3 साल पहले 2 बार बाघ का रेस्क्यू वन‌‌ विभाग के माध्यम से किया जा चुका है.

Last Updated : Feb 4, 2023, 6:08 PM IST
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