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मंडी एक्ट को लेकर कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल, किसान परेशान

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Published : Sep 4, 2020, 1:38 PM IST

मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में प्रदेशभर में मंडी कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसका असर बैतूल कृषि मंडी पर भी पड़ा है. पढ़े पूरी खबर...

Betul Agricultural Market
बैतूल कृषि मंडी

बैतूल। मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में प्रदेशभर की 259 मंडियां तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं. जिसने सब्जी विक्रेताओं और किसानों की समस्या बढ़ा दी हैं. इस हड़ताल का असर बैतूल कृषि मंडी में भी देखने को मिल रहा है, जहां कर्मचारी मॉडल एक्ट लागू किए जाने और निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. इस बीच दूसरे प्रदेशों से आने वाली सब्जियों से भरे ट्रक यहां बिना खाली किए खड़े हैं, तो वहीं अपनी उपज बेचने आए किसानों के सामने भी मुसीबत खड़ी हो गई है.

हड़ताल से किसान परेशान

मंडी की हड़ताल से अनभिज्ञ दर्जनों किसान यहां आज अपनी उपज लेकर पहुंच गए. ऐसे में अब उनके सामने उपज को वापस ले जाने या फिर मंडी में ही तीन दिन रुकने की समस्या आ खड़ी हुई है. किसानों को उपज वापस ले जाने के लिए अब दोगुना भाड़ा चुकाना होगा या फिर उन्हें मंडी में ही रुकने की व्यवस्था करनी पड़ेगी.

वहीं सब्जी विक्रेता भी दूसरे प्रदेशों से पहुंचे हैं और सब्जियों के खराब होने की आशंका से जूझ रहे हैं. जबकि हड़ताली कर्मचारियों का साफ कहना है कि उनका विरोध इसलिए है कि नए एक्ट से उनके कई साथी कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. वे अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित है कि आखिर उनकी सेवानिवृत्ति पर दायित्वों का भुगतान कैसे होगा.

ये भी पढ़े- नए मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारियों का हल्लाबोल, कक्काजी ने भी किया समर्थन

मंडी कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा मंडी अधिनियम 1972 को बचाने और वेतन-पेंशन की मांग को लेकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है.

बैतूल। मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में प्रदेशभर की 259 मंडियां तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं. जिसने सब्जी विक्रेताओं और किसानों की समस्या बढ़ा दी हैं. इस हड़ताल का असर बैतूल कृषि मंडी में भी देखने को मिल रहा है, जहां कर्मचारी मॉडल एक्ट लागू किए जाने और निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. इस बीच दूसरे प्रदेशों से आने वाली सब्जियों से भरे ट्रक यहां बिना खाली किए खड़े हैं, तो वहीं अपनी उपज बेचने आए किसानों के सामने भी मुसीबत खड़ी हो गई है.

हड़ताल से किसान परेशान

मंडी की हड़ताल से अनभिज्ञ दर्जनों किसान यहां आज अपनी उपज लेकर पहुंच गए. ऐसे में अब उनके सामने उपज को वापस ले जाने या फिर मंडी में ही तीन दिन रुकने की समस्या आ खड़ी हुई है. किसानों को उपज वापस ले जाने के लिए अब दोगुना भाड़ा चुकाना होगा या फिर उन्हें मंडी में ही रुकने की व्यवस्था करनी पड़ेगी.

वहीं सब्जी विक्रेता भी दूसरे प्रदेशों से पहुंचे हैं और सब्जियों के खराब होने की आशंका से जूझ रहे हैं. जबकि हड़ताली कर्मचारियों का साफ कहना है कि उनका विरोध इसलिए है कि नए एक्ट से उनके कई साथी कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. वे अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित है कि आखिर उनकी सेवानिवृत्ति पर दायित्वों का भुगतान कैसे होगा.

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मंडी कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा मंडी अधिनियम 1972 को बचाने और वेतन-पेंशन की मांग को लेकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है.

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