बैतूल। जिले की मुलताई तहसील में जल संसाधन विभाग के माध्यम से लगभग साढे़ सात करोड़ की लागत से बनने वाला लिहदा बांध में क्षेत्र के कई किसानों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है. अधिग्रहण से प्रभावित किसान मंगलवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कृषि भूमि धारकों के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की.
ग्रामीणों ने बांध निर्माण प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि जिन किसानों की भूमि इस बांध के अधिग्रहण में जा रही है, उन किसान को कृषि भूमि के स्थान पर अन्य जगह कृषि भूमि दी जाए. बांध निर्माण से प्रभावित होने वाले किसानों के परिवार को शासकीय नौकरी दी जाए. साथ ही जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण की जा रही है उसका किसानों की सहमति ली जाए.
ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजा राशि से किसानों का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा. वर्तमान समय में कुछ ही दूरी पर बड़ा पारसढ़ोह बांध है, जिससे किसान अपनी भूमि सिंचित कर सकते हैं. इसलिए इस बांध की अधिक आवश्यकता नहीं है. किसानों का आरोप है कि बांध परियोजना बनाते समय किसानों का पक्ष नहीं सुना गया और ना ही उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया.किसानों की सिंचित भूमि को असिंचित बता कर मुआवजा का निर्धारण कर दिया गया.