बैतूल। अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को देश की समस्त सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के निजीकरण, श्रम कानूनों में संशोधन और नई पेंशन योजना के विरोध में अपना राष्ट्रव्यापी आंदोलन 'रेल बचाओ देश बचाओ' शुरू किया. इस पूरे आंदोलन और अभियान को एनएफआईआर नई दिल्ली और सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ मुंबई के आह्वान पर सभी ट्रेड यूनियनों ने शुरू किया है. वहीं आमला में भी सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के दफ्तर में संघ के सचिव सतीश मीणा के नेतृत्व में सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर अपना विरोध जाहिर किया.
संघ के सचिव सतीश मीणा ने इस मौके पर कहा कि, रेलवे जैसे व्यापक शासकीय संस्थान को जिस तरीके से केंद्र सरकार निजीकरण के लिए आगे बढ़ा रही है, वो पूरे देश के लिए घातक सिद्ध हो सकता है. जिस प्रकार केंद्र सरकार सभी सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर रही है, उसके घातक दुष्परिणाम भी सामने आने शुरू हो गए हैं.
अभी हाल ही में गैरसंरक्षा कोटि के पदों में 50% कमी करने के आदेश जारी हुए हैं, देश के 109 रूटों पर 151 ट्रेनों का संचालन निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. इस मौके पर संघ के दिनेश सोनी ने केंद्र सरकार की नई पेंशन स्कीम को कर्मचारियों के लिए एक अभिशाप बताया है, और इसे खत्म करने की मांग की है. विरोध प्रदर्शन के मौंके पर मुजाहिद खान, छबीला प्रसाद, कलीराम ढंडारिया, अरविंद मगरदे, नीरज बारस्कर, हामिद खान, रंजन गुप्ता, बी एन कुशवाह, दीपक मौर्य और अरुण कुमार सहित कई कर्मचारी उपस्थित थे.