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कोरोना वायरस का कहर, बैतूल जेल में बंद कैदियों को किया गया रिहा

कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते हुए न्यायालय ने जेलों में बंद कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है, जिसके तहत बैतूल जेल में बंद कैदियों को सोमवार को रिहा किया गया.

Coronavirus havoc, prisoners released in Betul jail
बंद कैदियों को किया गया रिहा
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Published : Mar 30, 2020, 9:33 PM IST

बैतूल। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में जेलों में बंद बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है. इसी को लेकर सोमवार को बैतूल में जिला जेल से 40 विचाराधीन बंदियों को रिहा किया गया.

बंद कैदियों को किया गया रिहा

बैतूल जिला जेल में वर्तमान में सजायाफ्ता और विचाराधीन 505 महिला-पुरुष बंदी बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जेलों से बंदियों की संख्या कम करने के लिए आदेश दिए थे, जिसके चलते ऐसे बंदी जिन्हें 5 साल से कम की सजा मे विचाराधीन बंदी के रूप में जेल में रखा था. इन्हें अंतरिम जमानत के रूप में रिहा करने के लिए जेल से न्यायालय प्रस्ताव भेजे थे और न्यायालय के आदेश पर सोमवार जिला जेल से रिहा किया गया.

जिला जेल के जेलर योगेंद्र पंवार ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर जिला जेल बैतूल से 35 पुरुष बंदी और 5 महिला बंदियों को रिहा किया गया है. इन बंदियों को जेल के वाहन से उनके घर पहुंचाया गया है. कुछ लोकल बंदी खुद ही चले गए हैं, इन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है और 14 मई को ये न्यायालय के सामने पेश होंगे.

रिहा हुए बंदी प्रवीण का कहना है कि वो आबकारी एक्ट के तहत बंद हुआ था. 25 दिन तक जेल में रहा उसके बाद आज रिहा हुआ है. प्रवीण का कहना है कि जेल के अंदर कोरोना वायरस को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है, बाहर आने पर अच्छा लगा रहा है.

रिहा हुई महिला बंदी का भी कहना है कि वो और उसकी मां 11 महीने से जेल के अंदर थे. उसकी भाभी ने आत्महत्या कर ली थी झूठे केस में वो लोग बंद हुए थे. बाहर आए तो अच्छा लगा .

बैतूल। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में जेलों में बंद बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है. इसी को लेकर सोमवार को बैतूल में जिला जेल से 40 विचाराधीन बंदियों को रिहा किया गया.

बंद कैदियों को किया गया रिहा

बैतूल जिला जेल में वर्तमान में सजायाफ्ता और विचाराधीन 505 महिला-पुरुष बंदी बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जेलों से बंदियों की संख्या कम करने के लिए आदेश दिए थे, जिसके चलते ऐसे बंदी जिन्हें 5 साल से कम की सजा मे विचाराधीन बंदी के रूप में जेल में रखा था. इन्हें अंतरिम जमानत के रूप में रिहा करने के लिए जेल से न्यायालय प्रस्ताव भेजे थे और न्यायालय के आदेश पर सोमवार जिला जेल से रिहा किया गया.

जिला जेल के जेलर योगेंद्र पंवार ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर जिला जेल बैतूल से 35 पुरुष बंदी और 5 महिला बंदियों को रिहा किया गया है. इन बंदियों को जेल के वाहन से उनके घर पहुंचाया गया है. कुछ लोकल बंदी खुद ही चले गए हैं, इन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है और 14 मई को ये न्यायालय के सामने पेश होंगे.

रिहा हुए बंदी प्रवीण का कहना है कि वो आबकारी एक्ट के तहत बंद हुआ था. 25 दिन तक जेल में रहा उसके बाद आज रिहा हुआ है. प्रवीण का कहना है कि जेल के अंदर कोरोना वायरस को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है, बाहर आने पर अच्छा लगा रहा है.

रिहा हुई महिला बंदी का भी कहना है कि वो और उसकी मां 11 महीने से जेल के अंदर थे. उसकी भाभी ने आत्महत्या कर ली थी झूठे केस में वो लोग बंद हुए थे. बाहर आए तो अच्छा लगा .

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