बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक बीमार बुजुर्ग को तांत्रिक ने इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दाग दिया. जिससे बुजुर्ग की हालत और बिगड़ गई. पीड़ित के परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल लाए, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. मामला बैतूल के जामठी गांव का है. डॉक्टरों के मुताबिक ''दर्द वाली जगह दागना (स्थानीय भाषा में डमा लगाना कहते हैं) एक बड़ा अंधविश्वास है. इससे स्किन में गम्भीर इंफेक्शन हो सकता है. वहीं मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ने से जान भी जा सकती है''.
अस्पताल की बजाए तांत्रिक के पास ले गए परिजन: बैतूल जिले के जामठी गांव के रहने वाले जुगराम को पिछले कुछ दिनों से पेट में दर्द और शरीर अकड़ने की दिक्कत हो रही थी. लेकिन उसके परिजन उसे डॉक्टर की बजाय एक तांत्रिक के पास ले गए. तांत्रिक ने जुगराम के पेट पर गर्म सलाखों से दाग दिया. जिसके बाद जुगराम की हालत और बिगड़ गई. आखिरकार घबराए परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां उसकी हालत में कुछ सुधार हो रहा है.
दर्द वाली जगह दागना घातक हो सकता है. इससे मरीज को दर्द तो झेलना पड़ रहा है. साथ ही लोकल इंफेक्शन हो रहा है. वहीं मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ने से जान भी जा सकती है. इसलिए कोई भी मर्ज होने पर सबसे पहले अस्पताल में दिखाना चाहिए. -डॉ. संगम मांडवे, जिला अस्पताल बैतूल
`छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कराते हैं डमा का इलाज: बैतूल जिले में हर साल मौसमी बीमारियों का प्रकोप होने पर अधिकतर आदिवासी ग्रामों के लोग तांत्रिकों के पास डमा (दागना) लगवाने जाते हैं. छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक डमा का इलाज लेते हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं पर अरबों खर्च होने के बावजूद भी अगर लोग गर्म सरिए का इलाज करवा रहे हैं तो ये वाकई सोचने वाली बात है. डॉक्टर इस तरह के किसी भी इलाज को बेहूदा और खतरनाक मानते हैं. बावजूद लोगों का कहना है कि ये कई बीमारियों में दर्द से मुक्ति की अचूक दवा है. (Superstition Spreading In Betul) (Tantrik Treated Elderly with a hot iron Rod)