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Betul School Unique initiative: इस सरकारी स्कूल में बिजली फिजूलखर्ची पर सख्त नियम, उल्लघंन करने पर भरना पड़ता है जुर्माना

बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में शासकीय कन्या हॉयर सेकंडरी स्कूल में बिजली की फिजूलखर्ची एवं बिजली संरक्षण के लिए नियम बनाया गया है. यह नियम छात्राओं, टीचर, प्राचार्य सहित सभी पर लागू किया गया है. स्कूल में आवश्यकता के बिना पंखे और लाइट जलाने पर सबको जुर्माना भरना पड़ता है. (Betul School Unique Initiative) (Betul School Electricity conservation Rules)

Betul School Unique initiative
स्कूल में बिजली बचाने के लिए बना है सख्त नियम
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Published : Aug 8, 2022, 2:30 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 11:54 AM IST

बैतूल। अक्सर आपने सरकारी कार्यालयों एवं भवनों में बिना जरूरत के लाइट, पंखे एवं अन्य बिजली के उपकरण चलते हुए देखा होगा. सरकारी कार्यालयों एवं भवनों में बिजली की फिजूलखर्ची आम बात है. लेकिन बैतूल के इस सरकारी स्कूल में ऐसा करना मना है. दरअसल शिक्षकों और छात्राओं ने बिजली की फिजूलखर्ची रोकने एवं बिजली बचाने के लिए सख्त नियम बनाया है. इस नियम का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है. चाहे वह छात्र हो, स्कूल का शिक्षक या फिर प्रिंसिपल ही क्यों न हो. (Betul School Electricity conservation Rules)

बिजली की फिजूलखर्ची पर भरना पड़ता है सबको जुर्माना

बिजली संरक्षण के लिए बनाया नियम: स्कूल, कॉलेज या आफिस से निकलते वक्त जल्दबाजी या फिर जान बूझकर लोग लाइट, पंखा, कूलर व एसी आदि खुला छोड़ जाते हैं. जब तक वापस लौटकर आते हैं तब तक बिजली यू आन रहती है. इससे बिजली विभाग के अलावा खुद संबंधित विभाग को काफी बड़े लेवल पर नुकसान होता है. इसी को लेकर बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में शासकीय कन्या हॉयर सेकंडरी स्कूल में एक नई पहल हुई है. स्कूल में बिजली की फिजूलखर्ची एवं बिजली संरक्षण के लिए नियम बनाया गया है. स्कूल में बाल सभा में सर्वसम्मति से बिजली बचाने के लिए निर्णय लिया गया है कि खाली क्लास के पंखे, लाइट जलती हुए पाई गई तो उस क्लास की छात्रों को एक-एक रुपया जुर्माना देना होंगा. यह निर्णय लेने के बाद जब एक दिन 12वीं कला संकाय की खाली कक्षा में लाइट, पंखे चालू पाए गए तो नियम के अनुसार कार्रवाई कर सभी छात्राओं से जुर्माना वसूला गया. कुल 52 रुपए की राशि ली गई. यह राशि स्कूल के खाते में जमा की गई.

नीमचः शिक्षकों की अनूठी पहल, घर- घर जाकर बच्चों को बांट रहे पुस्तकें

शिक्षकों और प्राचार्य को भी भरना पड़ा जुर्माना: बिजली की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए बनाए गए नियम का उल्लंघन करने पर स्कूल के शिक्षकों और प्राचार्य तक को जुर्माना भरना पड़ा. एक दिन छात्राओं ने देखा कि प्राचार्य विवेक तिवारी कक्ष में नहीं थे. लेकिन कक्ष में पंखा और लाइट चालू थे. इस पर छात्राओं ने प्राचार्य से कहा कि सर आपने भी नियम का उल्लंघन किया है. इस पर प्राचार्य ने भी अपनी गलती मानी और 100 रुपए का जुर्माना भरा. इसी तरह स्टाफ रूम में भी खाली कमरे में पंखे और लाइट चालू रहने पर शिक्षकों को भी जुर्माना भरना पड़ा.

नियम सबके लिए एक समान हैं: प्राचार्य विवेक तिवारी ने बताया कि बाल सभा में सर्वसम्मति से बिजली (ऊर्जा) बचाने के लिए कुछ निर्णय लिये हैं. इसमें एक निर्णय यह भी था कि जिस भी खाली क्लास रूम के पंखे एवं बिजली जलते हुए पाए जाएंगे, उस क्लास की छात्राओं से एक रुपया प्रति छात्रा के हिसाब से जुर्माना लिया जाएगा. इसलिए छात्राओं ने भी शिक्षकों और स्वयं मेरे द्वारा इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया.
(Betul School Unique Initiative) (Betul School Electricity conservation Rules) (Betul Fined for Waste Electricity)

बैतूल। अक्सर आपने सरकारी कार्यालयों एवं भवनों में बिना जरूरत के लाइट, पंखे एवं अन्य बिजली के उपकरण चलते हुए देखा होगा. सरकारी कार्यालयों एवं भवनों में बिजली की फिजूलखर्ची आम बात है. लेकिन बैतूल के इस सरकारी स्कूल में ऐसा करना मना है. दरअसल शिक्षकों और छात्राओं ने बिजली की फिजूलखर्ची रोकने एवं बिजली बचाने के लिए सख्त नियम बनाया है. इस नियम का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है. चाहे वह छात्र हो, स्कूल का शिक्षक या फिर प्रिंसिपल ही क्यों न हो. (Betul School Electricity conservation Rules)

बिजली की फिजूलखर्ची पर भरना पड़ता है सबको जुर्माना

बिजली संरक्षण के लिए बनाया नियम: स्कूल, कॉलेज या आफिस से निकलते वक्त जल्दबाजी या फिर जान बूझकर लोग लाइट, पंखा, कूलर व एसी आदि खुला छोड़ जाते हैं. जब तक वापस लौटकर आते हैं तब तक बिजली यू आन रहती है. इससे बिजली विभाग के अलावा खुद संबंधित विभाग को काफी बड़े लेवल पर नुकसान होता है. इसी को लेकर बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में शासकीय कन्या हॉयर सेकंडरी स्कूल में एक नई पहल हुई है. स्कूल में बिजली की फिजूलखर्ची एवं बिजली संरक्षण के लिए नियम बनाया गया है. स्कूल में बाल सभा में सर्वसम्मति से बिजली बचाने के लिए निर्णय लिया गया है कि खाली क्लास के पंखे, लाइट जलती हुए पाई गई तो उस क्लास की छात्रों को एक-एक रुपया जुर्माना देना होंगा. यह निर्णय लेने के बाद जब एक दिन 12वीं कला संकाय की खाली कक्षा में लाइट, पंखे चालू पाए गए तो नियम के अनुसार कार्रवाई कर सभी छात्राओं से जुर्माना वसूला गया. कुल 52 रुपए की राशि ली गई. यह राशि स्कूल के खाते में जमा की गई.

नीमचः शिक्षकों की अनूठी पहल, घर- घर जाकर बच्चों को बांट रहे पुस्तकें

शिक्षकों और प्राचार्य को भी भरना पड़ा जुर्माना: बिजली की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए बनाए गए नियम का उल्लंघन करने पर स्कूल के शिक्षकों और प्राचार्य तक को जुर्माना भरना पड़ा. एक दिन छात्राओं ने देखा कि प्राचार्य विवेक तिवारी कक्ष में नहीं थे. लेकिन कक्ष में पंखा और लाइट चालू थे. इस पर छात्राओं ने प्राचार्य से कहा कि सर आपने भी नियम का उल्लंघन किया है. इस पर प्राचार्य ने भी अपनी गलती मानी और 100 रुपए का जुर्माना भरा. इसी तरह स्टाफ रूम में भी खाली कमरे में पंखे और लाइट चालू रहने पर शिक्षकों को भी जुर्माना भरना पड़ा.

नियम सबके लिए एक समान हैं: प्राचार्य विवेक तिवारी ने बताया कि बाल सभा में सर्वसम्मति से बिजली (ऊर्जा) बचाने के लिए कुछ निर्णय लिये हैं. इसमें एक निर्णय यह भी था कि जिस भी खाली क्लास रूम के पंखे एवं बिजली जलते हुए पाए जाएंगे, उस क्लास की छात्राओं से एक रुपया प्रति छात्रा के हिसाब से जुर्माना लिया जाएगा. इसलिए छात्राओं ने भी शिक्षकों और स्वयं मेरे द्वारा इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया.
(Betul School Unique Initiative) (Betul School Electricity conservation Rules) (Betul Fined for Waste Electricity)

Last Updated : Aug 11, 2022, 11:54 AM IST
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