बैतूल। जिले की घोड़ाडोंगरी तहसील के कान्हावाड़ी गांव में कबाड़ से जुगाड़ कर सुंदर गार्डन बनाया गया है. गांव में जिस कबाड़ और कचरे के कारण गंदगी फैलती थी, उसी कबाड़ का उपयोग कर यह सुंदर गार्डन बनाया गया. कबाड़ से बनाए गए इस गार्डन को देशभर के लोग देखकर इसकी तारीफ कर रहे हैं. बता दें, देशभर में कैंसर की जड़ी-बूटियों के लिए घोड़ाडोंगरी तहसील का कान्हावाडी गांव प्रसिद्ध है. यहां कचरे से कंचन वाटिका का निर्माण होने के बाद लोगों का आकर्षण गांव की ओर बढ़ा है. कान्हावाड़ी में रविवार और मंगलवार को देशभर के लोग कैंसर की जड़ी-बूटी लेने बाबूलाल भगत के पास आते हैं. वहीं अब लोग भी आराम करने के लिए इस गार्डन में पहुंच रहे हैं.
घर-घर से एकत्रित किया कबाड़
गांव के सरपंच कमलेश परते का कहना है कि गांव में सुलभ शौचालय के बाजू में हमेशा गंदगी रहती थी. कई बार इस गंदगी को साफ किया गया, लेकिन कुछ दिन बाद दोबारा वहां गंदगी हो जाती थी. इसे देखते हुए यहां गार्डन बनाने का सोचा. लेकिन पंचायत के पास इतना बजट नहीं था कि यहां अच्छा गार्डन बना सके. इसलिए गांव में घर-घर जाकर ग्रामीणों से अनुपयोगी चीजें एकत्रित की गईं. जिसके बाद इस कबाड़ से सुंदर गार्डन का निर्माण हुआ. अभी इस गार्डन की देशभर से आए लोग तारीफ कर रहे हैं. बीजेपी जनजाति के प्रदेश मंत्री दीपक उइके का कहना है कि कान्हावाड़ी ग्राम पंचायत की यह एक सराहनीय पहल है. जिस कबाड़ से गंदगी होती थी, उसी कबाड़ से सुंदर गार्डन बनाया गया है, जो आकर्षण का केंद्र बन रहा है.
ऐसे बनाया कबाड़ का सुंदर गार्डन
घरों से एकत्रित कबाड़ जैसे पुराने कुप्पी, डिब्बे, वाहन के पहिए, डिस्पोजल और लकड़ियां इकट्ठा की गईं. डिस्पोजल और टायर को गमले का रूप दिया गया. उसमें पौधे लगाए गए. वहीं बांस और लकड़ियों से बैठने के लिए बेंच तैयार किया गया. सूरत से आए शेख रहीम ने बताया कि वह कान्हावाड़ी कैंसर की जड़ी-बूटी लेने आए थे, कान्हावाड़ी में कबाड़ से बना गार्डन देखा तो बहुत अच्छा लगा, इस गार्डन में कुछ समय बिताया अपने क्षेत्र में भी इस तरह का गार्डन बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे.