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जिस बैतूल कलेक्ट्रेट में दिलाया लोगों को न्याय, अब उसी के सामने बच्ची संग धरने पर बैठीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे, दी आमरण अनशन की चेतावनी - बैतूल में निशा बांगरे का प्रदर्शन

Nisha Bangre On Protest: बैतूल में डिप्टी कलेक्टर ने आज कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा. साथ ही जल्द से जल्द इस्तीफा मंजूर करने की मांग भी की.

Nisha Bangre On Protest
निशा बांगरे का धरना प्रदर्शन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 25, 2023, 8:10 PM IST

बैतूल। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने पति और बच्चे के अलावा सामाजिक संगठन के साथ सोमवार को बैतूल में कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया. इस्तीफा मंजूरी के लिए एडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी है कि 3 दिन में अगर इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो आमरण अनशन करेंगी. इस दौरान उन्होंने स्टेडियम से रैली निकाली और कलेक्ट्रेट में जाकर विरोध प्रदर्शन किया. रैली में आमला इलाके के कई सामाजिक संगठन शामिल हुए. कलेक्ट्रेट परिसर में उन्होंने जमीन पर बैठकर नारेबाजी की और भजन किया. अपर कलेक्टर जयप्रकाश सैय्याम को ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि तीन दिन के अंदर उनका इस्तीफा मंजूर किया जाए अन्यथा आमला में आंदोलन के साथ आमरण अनशन किया जाएगा.

डिप्टी कलेक्टर ने जमीन पर बैठकर किया प्रदर्शन: इस बैतूल कलेक्ट्रेट में एक समय निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर थीं. उसी कलेक्ट्रेट में आज उन्होंने अपने पति और बच्चे के साथ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके साथ कई सामाजिक संगठनों के सदस्य भी मौजूद थे. यहां उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि इसी कलेक्ट्रेट में नौकरी के दौरान महिलाओं, गरीबों और आदिवासियों को न्याय दिलाया. कई बार ऐसा मौका आया कि गरीब महिलाओं को उनकी मजदूरी नहीं मिलती थी, तो उनके साथ जमीन पर बैठकर उन्हें न्याय दिलाया. आज खुद न्याय पाने के लिए विरोध प्रदर्शन करने की स्थिति पैदा हो रही है.

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उन्होंने कहा, "जब नौकरी में रहकर हम किसी को न्याय नहीं दिला पाते हैं, तो मैंने तय किया कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए चुनाव लडूंगी. सरकार मुझे चुनाव लड़ऩे से रोक रही है. सरकार मेरे संवैधानिक अधिकारों से रोक रही है. एक तरफ महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है, दूसरी तरफ एससी वर्ग की पढ़ी लिखी महिला को न्याय नहीं मिल रहा है. मैंने चुनाव लडऩे का मन बना लिया है और इसको लेकर सरकार को पत्र भी लिखा है कि मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं और मेरा इस्तीफा मंजूर किया जाए. इसके बावजूद मेरा इस्तीफा मंजूर नहीं हो रहा है. इसके लिए मैंने हाईकोर्ट की शरण भी ली लेकिन सरकार ने कोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश की. मुझे चुनाव लडऩे से कोई नहीं रोक जा सकता."

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन: डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने इस्तीफा मंजूर नहीं होने पर अपना ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश के राज्यपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम अपर जयप्रकाश सैय्याम कलेक्टर को सौंपा है. इसके अलावा कई सामाजिक संगठनों ने भी उनके समर्थन में ज्ञापन सौंपकर इस्तीफा मंजूर किए जाने की मांग की है.

बैतूल। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने पति और बच्चे के अलावा सामाजिक संगठन के साथ सोमवार को बैतूल में कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया. इस्तीफा मंजूरी के लिए एडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी है कि 3 दिन में अगर इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो आमरण अनशन करेंगी. इस दौरान उन्होंने स्टेडियम से रैली निकाली और कलेक्ट्रेट में जाकर विरोध प्रदर्शन किया. रैली में आमला इलाके के कई सामाजिक संगठन शामिल हुए. कलेक्ट्रेट परिसर में उन्होंने जमीन पर बैठकर नारेबाजी की और भजन किया. अपर कलेक्टर जयप्रकाश सैय्याम को ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि तीन दिन के अंदर उनका इस्तीफा मंजूर किया जाए अन्यथा आमला में आंदोलन के साथ आमरण अनशन किया जाएगा.

डिप्टी कलेक्टर ने जमीन पर बैठकर किया प्रदर्शन: इस बैतूल कलेक्ट्रेट में एक समय निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर थीं. उसी कलेक्ट्रेट में आज उन्होंने अपने पति और बच्चे के साथ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके साथ कई सामाजिक संगठनों के सदस्य भी मौजूद थे. यहां उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि इसी कलेक्ट्रेट में नौकरी के दौरान महिलाओं, गरीबों और आदिवासियों को न्याय दिलाया. कई बार ऐसा मौका आया कि गरीब महिलाओं को उनकी मजदूरी नहीं मिलती थी, तो उनके साथ जमीन पर बैठकर उन्हें न्याय दिलाया. आज खुद न्याय पाने के लिए विरोध प्रदर्शन करने की स्थिति पैदा हो रही है.

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उन्होंने कहा, "जब नौकरी में रहकर हम किसी को न्याय नहीं दिला पाते हैं, तो मैंने तय किया कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए चुनाव लडूंगी. सरकार मुझे चुनाव लड़ऩे से रोक रही है. सरकार मेरे संवैधानिक अधिकारों से रोक रही है. एक तरफ महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है, दूसरी तरफ एससी वर्ग की पढ़ी लिखी महिला को न्याय नहीं मिल रहा है. मैंने चुनाव लडऩे का मन बना लिया है और इसको लेकर सरकार को पत्र भी लिखा है कि मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं और मेरा इस्तीफा मंजूर किया जाए. इसके बावजूद मेरा इस्तीफा मंजूर नहीं हो रहा है. इसके लिए मैंने हाईकोर्ट की शरण भी ली लेकिन सरकार ने कोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश की. मुझे चुनाव लडऩे से कोई नहीं रोक जा सकता."

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन: डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने इस्तीफा मंजूर नहीं होने पर अपना ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश के राज्यपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम अपर जयप्रकाश सैय्याम कलेक्टर को सौंपा है. इसके अलावा कई सामाजिक संगठनों ने भी उनके समर्थन में ज्ञापन सौंपकर इस्तीफा मंजूर किए जाने की मांग की है.

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