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पहले तो बारिश ने तोड़ी कमर, अब नकली बीज से परेशान अन्नदाता

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Published : Oct 16, 2019, 7:46 PM IST

भारी बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, वहीं बची कसर नकली बीजों ने पूरी कर दी है. जिसके चलते जिलें में बोई गई धान की फसल में दाना नहीं आ पाया है.

क्षतिग्रस्त फसलें

बैतूल।। प्रदेशभर में हुई अतिवृष्टि से जिले में भी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस बार भी किसानों को मायूसी ही हाथ लगी है. जिले के प्रमुख धान उत्पादक क्षेत्र चोपना पुर्नवास कैम्प में करीब 200 किसान अब खरीब फसलों को लेकर चिंता में है. यहां धान की फसल के लिए बारिश तो अच्छी हुई है, लेकिन इन रोपों में धान का एक दाना भी नहीं उग पाया.

खराब फसलों से परेशान किसान

किसान गोविंद मंडल ने का कहना है कि सोसायटी से कर्ज लेकर बीज की खरीदी की गई थी, लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान सोसायटी का कर्ज भी चुका पाने में सक्षम नहीं हैं.

वहीं किसान नीमाई कुमार पाल ने बताया कि इस साल उन्होंने जो धान का बीज खरीदा था वह नकली निकला और लागत भी नहीं निकल पाई है, फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

कृषि विभाग के मुताबिक उन्हें चोपना क्षेत्र में किसानों की फसलों में दाना नहीं आने की जानकारी मिली है. स्थानीय अधिकारियों को वैज्ञानिकों के साथ फसलों को अवलोकन करने के निर्देश दिए हैं.

बैतूल।। प्रदेशभर में हुई अतिवृष्टि से जिले में भी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस बार भी किसानों को मायूसी ही हाथ लगी है. जिले के प्रमुख धान उत्पादक क्षेत्र चोपना पुर्नवास कैम्प में करीब 200 किसान अब खरीब फसलों को लेकर चिंता में है. यहां धान की फसल के लिए बारिश तो अच्छी हुई है, लेकिन इन रोपों में धान का एक दाना भी नहीं उग पाया.

खराब फसलों से परेशान किसान

किसान गोविंद मंडल ने का कहना है कि सोसायटी से कर्ज लेकर बीज की खरीदी की गई थी, लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान सोसायटी का कर्ज भी चुका पाने में सक्षम नहीं हैं.

वहीं किसान नीमाई कुमार पाल ने बताया कि इस साल उन्होंने जो धान का बीज खरीदा था वह नकली निकला और लागत भी नहीं निकल पाई है, फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

कृषि विभाग के मुताबिक उन्हें चोपना क्षेत्र में किसानों की फसलों में दाना नहीं आने की जानकारी मिली है. स्थानीय अधिकारियों को वैज्ञानिकों के साथ फसलों को अवलोकन करने के निर्देश दिए हैं.

Intro:बैतूल।। इस वर्ष खरीफ की अधिकांश फसलें जहां नकली बीज के चलते बर्बाद हो गई, वहीं फसलों की बर्बादी में लगातार होने वाली बारिश भी इसकी वजह बनी। हालात यह है कि बैतूल जिले के लगभग सभी ब्लाकों में इस बार भी किसानों को मायूसी ही हाथ लगी है। जिले के प्रमुख धान उत्पादक क्षेत्र चोपना पुर्नवास कैम्प में भी धान की फसल बुरी तरह बर्बाद हो चुकी है । यहां करीब 200 किसान अब खराब फसलों को लेकर चिंताग्रस्त भी नजर आने लगा है। Body:जानकारी के मुताबिक इस वर्ष चोपना क्षेत्र के लगभग 200 किसानों ने अपने-अपने खेतों में धान के बीज का रोपण किया था। धान की फसल के हिसाब से बारिश तो अच्छी हुई, लेकिन पौधों में धान का दाना नहीं उग पाया। किसान गोविंद मंडल ने बताया कि उन्होंने सुपर डुपर और सिग्नेट कंपनी का धान का बीज खरीदा था और इस बीज को उत्कृष्ट भी बताया गया था। धान के रोपे तो उत्पन्न हुए, लेकिन इन रोपों में धान का एक दाना भी नहीं उग पाया और किसानों को धान की फसल से हाथ धोना पड़ा। गोविंद का कहना है कि सोसायटी से कर्ज लेकर बीज की खरीदी की गई थी, लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान सोसायटी का कर्ज भी अदा नहीं कर पाने की स्थिति में पहुंच गए है।

इसी तरह क्षेत्र के किसान नीमाई कुमार पाल ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष जो धान का बीज खरीदा था, वह नकली निकला और लागत भी नहीं निकल पाई है। पूरी बालिया सूख चुकी है, जिसमें दाना तक नहीं है। श्री पाल का कहना है कि खेतों को साफ करने के लिए जानवरों को चराई के लिए छोड़ा गया, लेकिन बर्बाद हुई फसलों को मवेशी भी नहीं खा रहे और बैंक का कर्ज चुकाने के लिए अब क्षेत्र का हर किसान परेशान है। Conclusion:कृषि विभाग के मुताबिक उन्हें चोपना क्षेत्र में किसानों की फसलों में दाना नहीं आने की जानकारी मिली है। स्थानीय अधिकारियों को वैज्ञानिकों के साथ फसलों को अवलोकन करने के निर्देश दिए है।


बाइट -- गोविंद मंडल ( किसान )
बाइट -- निमाई कुमार पाल ( किसान )
बाइट -- के पी भगत ( उप संचालक कृषि, बैतूल )
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