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ETV BHARAT के खुलासे पर जागा प्रशासन, नौ साल से लापता शिक्षकों पर की कार्रवाई - लीना गणेश

तीन शिक्षक पिछले 9 साल से स्कूल से लापता हैं, जबकि सरकारी दस्तावेजों में गुरूजी लगातार स्कूल जाते रहे हैं. ईटीवी भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि सरकारी स्कूल में पदस्थ तीन शिक्षक में से तीनों लापता हैं, जिसके बाद प्रशासन ने जांच टीम बनाकर उनकी खोज शुरू कर दी है.

लापता गुरूजी पर कार्रवाई
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Published : Jul 29, 2019, 8:03 PM IST

बैतूल। अजब एमपी की गजब शिक्षा व्यवस्था से जब ईटीवी भारत ने पर्दा हटाया तो प्रशासन के भी कान खडे़ हो गये और आनन-फानन में जांच टीम बनाकर उस स्कूल की जमीनी हकीकत का पता लगवाया गया, जहां पिछले 9 साल से शिक्षक गायब थे, जबकि टीचर्स पोर्टल में उनकी उपस्थिति लगातार दर्ज हो रही है. धनियाजाम स्कूल में पदस्थ दो शिक्षक बीते 9 साल से लापता हैं, जिन्हें दूसरे स्कूलों में अटैच किया गया था. हालांकि, अब उनका अटैचमेंट समाप्त कर दिया गया है. वहीं 9 साल से स्कूल नहीं जा रही एक शिक्षका को नोटिस जारी किया गया है.

ईटीवी भारत ने प्रशासन को जगाया

ये अजीबोगरीब मामला धनिया जाम के सरकारी माध्यमिक स्कूल का है, जहां तीन शिक्षकों की पोस्टिंग है, जिनमें से महिला टीचर लीना गणेश पिछले 9 सालों से स्कूल ही नहीं आई हैं, वे 16 नवम्बर 2010 से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रही हैं, जबकि दूसरी टीचर रजनी कटारे अपने रुतबे के दम पर 7 नवम्बर 2014 से अपनी सुविधा वाले पाढर स्कूल में अटैच हैं और यहां पदस्थ एक टीचर बड़करे की मौत हो चुकी है. जिससे उनकी जगह भी रिक्त पड़ी है. इस लापरवाही का खामियाजा यहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है और पड़ोसी स्कूल का एक शिक्षक अकेले ही पांच कक्षाएं संचालित कर रहा है. जहां इस वक्त 71 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं.

शिक्षा के बिना किसी समाज-देश की तरक्की संभव नहीं है, केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में नाकाम साबित हो रही हैं.

बैतूल। अजब एमपी की गजब शिक्षा व्यवस्था से जब ईटीवी भारत ने पर्दा हटाया तो प्रशासन के भी कान खडे़ हो गये और आनन-फानन में जांच टीम बनाकर उस स्कूल की जमीनी हकीकत का पता लगवाया गया, जहां पिछले 9 साल से शिक्षक गायब थे, जबकि टीचर्स पोर्टल में उनकी उपस्थिति लगातार दर्ज हो रही है. धनियाजाम स्कूल में पदस्थ दो शिक्षक बीते 9 साल से लापता हैं, जिन्हें दूसरे स्कूलों में अटैच किया गया था. हालांकि, अब उनका अटैचमेंट समाप्त कर दिया गया है. वहीं 9 साल से स्कूल नहीं जा रही एक शिक्षका को नोटिस जारी किया गया है.

ईटीवी भारत ने प्रशासन को जगाया

ये अजीबोगरीब मामला धनिया जाम के सरकारी माध्यमिक स्कूल का है, जहां तीन शिक्षकों की पोस्टिंग है, जिनमें से महिला टीचर लीना गणेश पिछले 9 सालों से स्कूल ही नहीं आई हैं, वे 16 नवम्बर 2010 से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रही हैं, जबकि दूसरी टीचर रजनी कटारे अपने रुतबे के दम पर 7 नवम्बर 2014 से अपनी सुविधा वाले पाढर स्कूल में अटैच हैं और यहां पदस्थ एक टीचर बड़करे की मौत हो चुकी है. जिससे उनकी जगह भी रिक्त पड़ी है. इस लापरवाही का खामियाजा यहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है और पड़ोसी स्कूल का एक शिक्षक अकेले ही पांच कक्षाएं संचालित कर रहा है. जहां इस वक्त 71 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं.

शिक्षा के बिना किसी समाज-देश की तरक्की संभव नहीं है, केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में नाकाम साबित हो रही हैं.

Intro:बैतूल ।। ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है। बैतूल में एक स्कूल की दो टीचर के बीते नौ साल से लापता होने की खबर के बाद आदिवासी विकास विभाग ने इस मामले में जांच टीम भेजकर स्कूल के हालात का जायजा लिया है। धनियाजाम स्कूल में तैनात शिक्षकों के दूसरे स्कुलो में किये गए अटैचमेंट को समाप्त कर दिया गया है वही नौ साल से स्कूल।नही आ रही एक शिक्षका को नोटिश जारी किया गया है।Body:आपको बता दे कि यह अजीबोगरीब मामला धनिया जाम के सरकारी स्कूल का है । जहां दो टीचर कभी स्कूल तो नही आती लेकिन विभाग के कागजातों में बच्चों को बाकायदा पढ़ा रही है और उनका नाम विभाग के पोर्टल पर भी दर्ज है । ईस बड़ी अंधेरगर्दी का खामियाजा यहां बच्चे उठा रहे है और पड़ोसी स्कूल का एक शिक्षक पांच कक्षाओं को पढ़ा रहा है।

दरअसल धनियांजाम के इस माध्यमिक स्कूल में 3 टीचरों की पोस्टिंग है जिनमे से महिला टीचर लीना गणेशे जो कि पिछले 9 सालों से स्कूल ही नही आई है ,वे 16 नवम्बर 2010 से बिना सूचना के अनुपस्थित है । लेकिन आदिवासी विभाग की लापरवाही ही कहे इनका नाम एजुकेशन पोर्टल में इनकी उपस्तिथि दर्ज करा रहा है ।

दूसरी टीचर रजनी कटारे की पोस्टिंग स्कूल में है लेकिन मेडम अपने रुतबे के चलते 7 नवम्बर 2014 से अपनी सुविधा वाले पाढर स्कूल में अटैच है । ये मेडम 5 साल से अटैचमेंट में है । यहां पदस्थ एक टीचर बड़करे की मौत हो चुकी है। जिससे उनकी जगह भी खाली हो गई है की ।Conclusion:बता दे कि इस सरकारी मिडिल स्कूल में 71 बच्चे हैं जिनको प्राथमिक शाला के एक शिक्षक ए के पानकर पढ़ा रहे हैं ।

बाईट- आईडी बोड़खे ( जिला परियोजना समन्वयक स्कूल शिक्षा )
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