बैतूल। सुरंगों के जरिये कोयला निकालने का गोरखधंधा शाहपुर और घोड़ा डोंगरी इलाके में खूब फलफूल रहा है. इस पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने अब कवायद शुरू कर दी है. बैतूल में प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को कोयला माफिया की हवा निकाल दी. कोयला तस्कर यहां नदियों के किनारों पर सुरंगें बनाकर कोयला निकाल रहे थे. अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ऐसी पांच से ज्यादा सुरंगे और खदानों को जेसीबी मशीनों के जरिए मिट्टी और रेत भरकर बन्द कर दिया है. टीम ने इन सुरंगनुमा खदानों से पानी निकालने और उनमें बिजली कनेक्शनों को भी बन्द कर कई सामानों की जब्ती की है.
दरअसल शाहपुर और घोड़ाडोंगरी इलाके से होकर बहने वाली तवा नदी के किनारों पर बहुत कम गहराई में कोयला मौजूद है. कोयला माफिया इसी का फायदा उठाकर ग्रामीण मजदूरों के जरिए कोयला निकालते हैं. नदियों के किनारों पर छोटी-छोटी सुरंगे बनाकर उन्हें कई मीटर गहराई तक खोदा जाता है. जिससे बड़ी मात्रा में कोयला निकलता है. कोयला माफिया ने ऐसे ही डुल्हारा गांव के पास नदी में कई कोयला खदानें बना रखी हैं. जहां सुरंगों के जरिये लंबे समय से कोयला निकाला जा रहा था. इसकी जानकारी मिलने के बाद खनिज विभाग ने यहां शाहपुर और घोड़ाडोंगरी के राजस्व अमले और पुलिस की मदद से पांच से ज्यादा खदानों को जेसीबी मशीनों से बंद कराया.
टीम ने मौके से कई पानी की मोटरें, बिजली का केबल, लाइट्स भी जब्त किए हैं. अमले ने यहां खुदाई कर निकाला गया चार ट्रक कोयला भी बरामद किया है. पुलिस की सुरक्षा में रखा गया है, टीम ने डुल्हारा के अलावा कोटमी और गोलाई में भी कार्रवाई की है, हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान मौके पर कोई भी नही मिला. जिसकी वजह से किसी की गिरफ्तारी नही हो सकी.
खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने बताया कि कोयला माफिया के खिलाफ ये कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. कार्रवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आए हैं कि माफिया ने नदी का बहाव रोक दिया था. जिसे मशीनों के जरिए एक और से शुरू कराया गया है. ऐसी सभी खदानें और सुरंगों के मुहाने मिट्टी भरकर बंद किए जा रहे हैं.