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इस जगह मिला पांच टहनियों वाला दुर्लभ छिंद का पेड़, वैज्ञानिकों ने कही ये बात - वनस्पति शास्त्री प्रोफेसर सुदामा लहरपूरे

मध्य प्रदेश बैतूल के बारहवीं गांव के समीप एक पांच टहनियों वाला दुर्लभ छिंद का पेड़ मिला है. देश मे यह तीसरा छिंद का पेड़ है, जिसमें एक साथ निकली है पांच शाखाएं,आमतौर पर एक ही शाखा निकलती है.

chhind tree
छिंद का पेड़
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Published : Oct 23, 2020, 3:15 PM IST

बैतूल। आपने कभी ऐसा अति दुर्लभ पेड़ नहीं देखा होगा, विज्ञान इसे बेहद ही दुर्लभ मान रहा है. आमतौर पर छिंद का पेड़ एक ही लंबी शाखा वाला होता है. इसमें अन्य शाखाएं नहीं होती, लेकिन मध्य प्रदेश बैतूल के बारहवीं गांव के समीप एक पांच टहनियों वाला दुर्लभ छिंद का पेड़ मिला है. गांव से दो किमी दूर बगई नामक स्थान पर एक छोटी नदी के किनारे यह पेड़ कुदरती पर्यावास में हिलोरे ले रहा है. देश में यह तीसरा छिंद का पेड़ है, जिसमें एक साथ निकली है पांच शाखाएं, आमतौर पर एक ही शाखा निकलती है.

छिंद का पेड़

छिंद के पेड़ की खासियत

इस पेड़ की खासियत यह है कि करीब 12 फुट ऊंचाई के बाद इस पेड़ में पांच टहनियां निकली हुई हैं. जो एक जैसी गोलाई, आकार और ऊंचाई की है. इस पेड़ में गर्मियों के मौसम में छिंद के फूल तो आते हैं, लेकिन फल कभी नहीं लगते.

इस पेड़ को लेकर वनस्पति शास्त्री प्रोफेसर सुदामा लहरपूरे बताते हैं कि यह दुर्लभ से दुर्लभ है. हालांकि उनका मानना है कि पेड़ की प्रारंभिक अवस्था में इसका तना डैमेज हुआ होगा. जिससे इसके अग्रको का निर्माण हुआ होगा. जिसकी कोपलों से शाखाओं का निर्माण हुआ होगा, या प्रकृति जैसा चाहती है वैसा उत्परिवर्तनों के कारण ऐसा हुआ होगा.

देश में दुर्लभ छिंद के पेड़ सिर्फ तीन है

वैसे ये देश में तीसरा पेड़ है. पहला छत्तीसगढ़ में मिला था, जिसकी छह शाखाएं थी और दूसरा गुजरात के सौराष्ट्र में मिला था, जिसकी दो शाखाएं थी और तीसरा बैतलू जिले में मिला है जिसकी छह शाखाएं है.

बैतूल। आपने कभी ऐसा अति दुर्लभ पेड़ नहीं देखा होगा, विज्ञान इसे बेहद ही दुर्लभ मान रहा है. आमतौर पर छिंद का पेड़ एक ही लंबी शाखा वाला होता है. इसमें अन्य शाखाएं नहीं होती, लेकिन मध्य प्रदेश बैतूल के बारहवीं गांव के समीप एक पांच टहनियों वाला दुर्लभ छिंद का पेड़ मिला है. गांव से दो किमी दूर बगई नामक स्थान पर एक छोटी नदी के किनारे यह पेड़ कुदरती पर्यावास में हिलोरे ले रहा है. देश में यह तीसरा छिंद का पेड़ है, जिसमें एक साथ निकली है पांच शाखाएं, आमतौर पर एक ही शाखा निकलती है.

छिंद का पेड़

छिंद के पेड़ की खासियत

इस पेड़ की खासियत यह है कि करीब 12 फुट ऊंचाई के बाद इस पेड़ में पांच टहनियां निकली हुई हैं. जो एक जैसी गोलाई, आकार और ऊंचाई की है. इस पेड़ में गर्मियों के मौसम में छिंद के फूल तो आते हैं, लेकिन फल कभी नहीं लगते.

इस पेड़ को लेकर वनस्पति शास्त्री प्रोफेसर सुदामा लहरपूरे बताते हैं कि यह दुर्लभ से दुर्लभ है. हालांकि उनका मानना है कि पेड़ की प्रारंभिक अवस्था में इसका तना डैमेज हुआ होगा. जिससे इसके अग्रको का निर्माण हुआ होगा. जिसकी कोपलों से शाखाओं का निर्माण हुआ होगा, या प्रकृति जैसा चाहती है वैसा उत्परिवर्तनों के कारण ऐसा हुआ होगा.

देश में दुर्लभ छिंद के पेड़ सिर्फ तीन है

वैसे ये देश में तीसरा पेड़ है. पहला छत्तीसगढ़ में मिला था, जिसकी छह शाखाएं थी और दूसरा गुजरात के सौराष्ट्र में मिला था, जिसकी दो शाखाएं थी और तीसरा बैतलू जिले में मिला है जिसकी छह शाखाएं है.

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