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बढ़े हुए बिजली बिलों का रिटायर CMHO ने किया विरोध, शुरु किया अनिश्चितकालीन धरना

बड़वानी शहर में बढ़े हुए बिजली बिल के विरोध में एक रिटायर सीएमएचओं ने पुराने कलेक्ट्रेट के पास अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया है. उनकी मांग है कि बढ़े हुए बिजली बिल तत्काल वापस लिए जाए.

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रिटायर्ड CMHO अनिश्चितकालीन धरने पर
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Published : Oct 2, 2020, 3:48 AM IST

बड़वानी। शहर के पुराने कलेक्ट्रेट के पास जिला अस्पताल के रिटायर्ड सीएमएचओ शहर में बढ़ते बिजली के बिलों के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. रिटाय अधिकारी ने शासन से मांग की है कि बड़वानी जिले में लगातार भारी भरकम बिजली के बिल बिजली विभाग दे रहा है. लेकिन कोरोना काल में परेशान उपभोक्ताओं के पास यह बिल भरने के लिए पहले तो पैसे ही नहीं है. जबकि यह बिल भी पूरी तरह से गलत हैं.

रिटायर्ड CMHO अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे

जिला अस्पताल के रिटायर सीएमएचओ डॉ अब्दुल रशीद पटेल को पेंशनर यूनियन के जिलाध्यक्ष का भी साथ मिला है. धरने पर बैठे पूर्व सीएमएचओ का कहना है कि सरदार सरोवर बांध परियोजना के चलते नर्मदा पर बने बांधों पर बनाई जाने वाली बिजली सरप्लस में उत्पादित हो रही है. तो बिजली की दरों को सस्ता रखा जाना चाहिए. जबकि वर्तमान में बिजली विभाग द्वारा अनेक प्रकार के सरचार्ज जोड़कर भारी भरकम दरों पर बिजली के बिल दिए जा रहे हैं जो सरासर गलत है. उन्होंने मांग की है कि मार्च से अगस्त तक के बिल माफ किए जाने चाहिए या फिर उन्हें कम किया जाए. क्योंकि कोरोना काल में हर तबके की कमर टूट चुकी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कई बार मंचों से बिजली के बिल माफ करने की बात कह चुके हैं. लेकिन बड़वानी जिले में इसका कोई असर देखने को नहीं मिला है.

कोरोना महामारी के बावजूद बिजली विभाग द्वारा जनता को भारी भरकम बिजली के बिल दिए जा रहे हैं जो कि उनकी आय से अधिक हैं. शासन को महामारी के दौर में एक ओर जहां लोगों को राहत देनी चाहिए वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग द्वारा बढ़े बिजली के चलते आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश से ही अन्य राज्य बिजली खरीद कर वहां के निवासियों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं किंतु यहां उल्टा है बिजली सर प्लस होने के बाद भी बिजली के बढ़े बिल थमाए जा रहे हैं.

बड़वानी। शहर के पुराने कलेक्ट्रेट के पास जिला अस्पताल के रिटायर्ड सीएमएचओ शहर में बढ़ते बिजली के बिलों के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. रिटाय अधिकारी ने शासन से मांग की है कि बड़वानी जिले में लगातार भारी भरकम बिजली के बिल बिजली विभाग दे रहा है. लेकिन कोरोना काल में परेशान उपभोक्ताओं के पास यह बिल भरने के लिए पहले तो पैसे ही नहीं है. जबकि यह बिल भी पूरी तरह से गलत हैं.

रिटायर्ड CMHO अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे

जिला अस्पताल के रिटायर सीएमएचओ डॉ अब्दुल रशीद पटेल को पेंशनर यूनियन के जिलाध्यक्ष का भी साथ मिला है. धरने पर बैठे पूर्व सीएमएचओ का कहना है कि सरदार सरोवर बांध परियोजना के चलते नर्मदा पर बने बांधों पर बनाई जाने वाली बिजली सरप्लस में उत्पादित हो रही है. तो बिजली की दरों को सस्ता रखा जाना चाहिए. जबकि वर्तमान में बिजली विभाग द्वारा अनेक प्रकार के सरचार्ज जोड़कर भारी भरकम दरों पर बिजली के बिल दिए जा रहे हैं जो सरासर गलत है. उन्होंने मांग की है कि मार्च से अगस्त तक के बिल माफ किए जाने चाहिए या फिर उन्हें कम किया जाए. क्योंकि कोरोना काल में हर तबके की कमर टूट चुकी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कई बार मंचों से बिजली के बिल माफ करने की बात कह चुके हैं. लेकिन बड़वानी जिले में इसका कोई असर देखने को नहीं मिला है.

कोरोना महामारी के बावजूद बिजली विभाग द्वारा जनता को भारी भरकम बिजली के बिल दिए जा रहे हैं जो कि उनकी आय से अधिक हैं. शासन को महामारी के दौर में एक ओर जहां लोगों को राहत देनी चाहिए वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग द्वारा बढ़े बिजली के चलते आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश से ही अन्य राज्य बिजली खरीद कर वहां के निवासियों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं किंतु यहां उल्टा है बिजली सर प्लस होने के बाद भी बिजली के बढ़े बिल थमाए जा रहे हैं.

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