बड़वानी। बारिश के तांडव से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. शहरों में पानी, गांव में पानी, सड़कों पर पानी, मंदिर में पानी, जहां देखो बस पानी ही पानी नजर आ रहा है. आधे प्रदेश में आफत की इस बारिश ने जनजीवन पर ब्रेक लगा दिया है. कहीं बस लहरों की भेंट चढ़ रही है, तो कहीं घर पानी में डूब रहे हैं. बाढ़ के प्रचंड रूप से हर कोई त्राहिमाम कर रहा है.
विस्थापन की मांग को लेकर धरना
बारिश के कारण प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी अब जीवन को संकट में डाल रही है. ऊपरी कछार में लगातार हो रही बारिश के चलते नर्मदा नदी पर बने बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. जिस कारण निचले हिस्सों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है. बड़वानी में नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके चलते नर्मदा किनारे बसे गांवों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुनर्वास और विस्थापन की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
भू-अर्जन कार्यालय का घेराव
एक ओर जहां डूब प्रभावित गांव में क्रमिक अनशन जारी है, तो वहीं जिला मुख्यालय पर टिनशेड में रहने वाले लोगों ने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया है. डूब प्रभावित लोग नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले फिर अपने हक और न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. सालभर से टिन शेड में रह रहे लोगों की सब्र का बांध टूटने लगा है, जिसके चलते उन्होंने पुनर्वास और भू-अर्जन कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया.
अधिकारियों की झूठी तसल्ली
प्रदर्शनकारी एनवीडीए कार्यालय पहुंचकर आर्थिक पैकेज व उचित पुनर्वास की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार भी हमेशा की तरह आश्वासन दे रहे हैं. सरदार सरोवर बांध डूब प्रभावित लोग सालों से उचित आर्थिक पैकेज और विस्थापन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन के अलावा सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते आ रहे हैं, लेकिन अब भी अधिकारी केवल कोरा आश्वासन दे रहे हैं.
किनारे के इलाके हुए जलमग्न
सरदार सरोवर बांध से लगे बड़वानी जिले में नर्मदा का जलस्तर 135 मीटर के करीब है, जिसके चलते नर्मदा के बैक वाटर से कई गांव जलमग्न होने की कगार पर पहुंच गए हैं. क्षेत्र की हजारों एकड़ फसल बैक वाटर में डूब गई है. बड़वानी के नजदीक राजघाट स्थित कुकरा का कुछ हिस्सा जलमग्न हो गया है. लोग नाव के माध्यम से खेतों और घर का सामान खाली कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की कयावद में लगे हैं.
12 जिलों में बाढ़ का कहर
बता दें, मध्यप्रदेश में भारी बारिश से हाहाकार मच गया. प्रदेश के 12 जिले भारी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. तकरीबन 454 गांव और कस्बों में पानी भर गया है. जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है. सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. प्रदेश में अब तक 743 मिमी की अनुमानित बारिश के मुकाबले सोमवार सुबह तक 861 मिमी बारिश हुई है, जो इस मौसम में 13 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश में पिछले 20 साल बाद इस तरह की बाढ़ आई है.