बड़वानी। भादव के महीने में इंद्र देव मेहरबान हैं. जिसके चलते सतपुड़ा ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है. इन दिनों जोरदार बारिश के चलते सतपुड़ा की पहाड़ियां हरियाली के बीच कैद हो गई हैं. दरअसल बड़वानी से 12 किलोमीटर दूर बन्धान से लेकर अम्बापनी तक सतपुड़ा पर्वत के बीच हरियाली एवं झरने प्रकृति प्रेमियों को इन दिनों खूब लुभा रहे हैं.
झरनों का आनंद लेने पहुंचे लोग
सतपुड़ा के वादियों में इन पहाड़ियों के बीच शानदार घुमावदार मार्ग रिमझिम बारिश, बादलों की लुकाछिपी और झरनों की कलकल- छलछल की आवाजे लोगों को अपनी ओर खीच लेती हैं. यही वजह है कि, इस महामारी के दौर में भी लोग अपने दोस्तों और परिजनों के साथ बड़ी संख्या में झरनों का आंनद लेने के लिए पहुंच रहे हैं.
सतपुड़ा की सुंदर वादियों में लौटी रौनक
भादव के महीने में जब हरियाली और झरनों का नजारा देखने को मिले जाए, तो आनंद अपने आप दोगुना हो जाता है. इन दिनों अम्बापनी गांव में जगह- जगह पहाड़ियों से झरने बह रहे हैं, जहां बच्चे महिलाएं एवं पुरुष जमकर मस्ती करते नजर आ रहे हैं. लोग कोरोना संक्रमण की मार झेल घरों में रह कर बोरियत महसूस कर रहे हैं, जिसके चलते प्रकृति प्रेमी घर से निकल कर सतपुड़ा की सुंदर वादियों की ओर घूमने फिरने निकल लिए हैं.
पर्यटन की अपार संभावनाएं
बड़वानी जिले में अम्बापनी प्राकृतिक सौंदर्यता का एक महत्वपूर्ण स्थान है. जो प्रदेश के हिल स्टेशनों एवं पर्यटनस्थलों के समान है. लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अब भी जिलेवासियों की पहुंच से दूर है. जिले में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं. प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच खुद को पाकर पुणे से आए युवक का कहना है कि, वहां भी इस तरह के नजारे आम हैं लेकिन अम्बापनी आकर सुकून मिल रहा है.
विकासकार्य की स्थानीय लोग करते हैं मांग
दरअसल स्थानीय लोग प्रशासन से मांग भी करते आ रहे हैं कि, ऐसे स्थानों को चयनित कर इन्हें पर्यटक स्थल बनाने चाहिए. रिसोर्ट, रेस्ट हाउस एवं खाने पीने की दुकानों को खुलवाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. हालांकि ये बात भी सही है कि, बड़वानी जिले में पर्यटन की दृष्टि से कई जगह मौजूद है, लेकिन जिम्मेदारों की इच्छाशक्ति के अभाव में अब तक विकासकार्य नहीं हो पाया है.
बड़वानी के प्रमुख पयर्टक स्थल
बड़वानी जिले में पयर्टन की अपार संभावनाएं हैं. इसके अलावा भी बावनगजा, बिजासनी माता मंदिर, जंबू गली गणेश मंदिर, श्री सावलिया मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर, कालका माता मंदिर, महालक्ष्ती मंदिर, संतोषी माता मंदिर, राम कृष्ण मंदिर, मोती माता मंदिर, शनी मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, बंधन झरना, राजघाट, ग्वालबेडज्ञ, नगलवाड़ी जिले के प्रमुख पयर्टक स्थल हैं.
लोगों को सतर्क रहने की जरूरत
प्रकृति और मनुष्य का आपस मे गहरा नाता है. इसके बिना मनुष्य जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है, लेकिन लोगों को कोरोना महामारी से सावधानी बरतनी चाहिए. जिले में लगातार संक्रमित मरीजों का मिलना जारी है, लेकिन लोग लॉकडाउन में घरों से निकलकर बड़ी संख्या में दोस्तों एवं परिजनों के साथ पहाड़ों पर पिकनिक मनाने निकल रहे हैं. इसके लिए पुलिस प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है.