धार। नर्मदा नदी पर बनाए गए सरदार सरोवर बांध से प्रभावित लोगों के लिए के अच्छी खबर सामने आई है. कमलनाथ सरकार नर्मदा घाटी विकास एवं पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल का कहना है कि विस्थापितों के लिए दिए गए प्लाटों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया जल्द ही शुरु होने वाली है, जिससे इन प्लाटों पर उनके मकान बनाने का रास्ता आसान हो जाएगा. सरदार सरोवर बांध से धार, बड़वानी, खरगोन, और अलिराजपुर जिले के लगभग 193 गांव डूब में आए हैं.
बांध से प्रवावित विस्थापितों के लिए पुनर्वास स्थल पर दिए गए मकान निर्माण की जमीन का मालिकाना हक अब तक नहीं मिला था. जो इन विस्थापितों के लिए सबसे बड़ी समस्या थी. वर्ष 1993 से सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित गांव के लोगों को पुनर्वास स्थल पर भूखंड एवं मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. लेकिन इतने वक्त से यह प्रक्रिया लगातार चल रही है. लेकिन जमीन का पट्टा न मिलने से प्रभावितों को बैंकों से लोन नहीं मिल पा रहा था. जिससे डूब से प्रभावित हुए विस्थापित कई वर्षों से मांग कर रहे थे कि उन्हें दिए गए प्लाटों की जमीन का पट्टा उन्हें दिया जाए.
पूरे मामले में प्रदेश के नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार ने इंदौर में एन.वी.डी.ए के कार्यों की समीक्षा बैठक बुलाई थी तब डूब प्रभावितों के भूखंड की रजिस्ट्री संबंधित मुद्दा भी सामने आया था. उन्होंने बताया कि इस मामले में राजस्व कमिश्नर एवं एन.वी.डी.ए कमिश्नर को हर बिंदु पर विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. जिससे विस्थापितों को उनकी जमीन का पट्टा मिलने का रास्ता आसान हो सके. उन्होंने बताया कि जल्द ही पुनर्वास स्थलों पर भूखंडों की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी जिससे डूब प्रभावितों को भूखंड पर मालिकाना हक प्राप्त हो जाएगा और वह बैंकों से लोन लेकर अपने हिसाब से निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य कर सकेंगे.