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NBA नेत्री मेधा पाटकर ने शुरू किया सत्याग्रह, डूब प्रभावितों के पुनर्वास की कर रहीं मांग - मां नर्मदा को राखी बांधी

छोटा बढ़दा गांव में भारी बारिश के चलते नर्मदा का पानी भरने लगा है, जिसके चलते सरकार के विरोध में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने सहयोगियों के साथ सत्याग्रह शुरू कर दिया है.

NBA नेत्री मेधा पाटकर ने छोटा बढ़दा गांव में शुरू किया सत्याग्रह
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Published : Aug 25, 2019, 9:35 PM IST

बड़वानी। जिले के छोटा बढ़दा गांव में नर्मदा का जलस्तर लगभग 133 मीटर तक पहुंच चुका है, जिसकी वजह से पानी गांवों में पहुंचने लगा है, जिसका विरोध करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर के साथ अन्य महिलाओं ने नर्मदा अष्टकम और नर्मदा आरती के बाद मोक्षदायिनी मां नर्मदा को राखी बांधी. इसके बाद उन्होंने उपवास शुरू कर दिया.

NBA नेत्री मेधा पाटकर ने छोटा बढ़दा गांव में शुरू किया सत्याग्रह
मेधा पाटकर ने बताया कि लोगों ने 24 घंटे का क्रमिक उपवास शुरू कर दिया है, केंद्र सरकार नर्मदा से खिलवाड़ करते हुए हठधर्मिता दिखा रही है, इसलिए सत्याग्रह करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय विवाद के चलते पिछली बीजेपी सरकार ने 6 हजार लोगों का पुनर्वास नहीं होने की बात कही थी, जबकि ऐसे 32 हजार परिवार हैं जिसमें 16 हजार परिवारों को डूब से बाहर बताया गया है, जोकि सरासर गलत है.उन्होंने कहा कि गुजरात को इस साल पानी की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि 204 जलाशय या तो लबालब अथवा 80 प्रतिशत तक भर चुके हैं, बिजली के मामले में मप्र को 7000 मेगावाट चाहिए, जबकि 21 हजार मेगावाट बनाई जा रही है.

बड़वानी। जिले के छोटा बढ़दा गांव में नर्मदा का जलस्तर लगभग 133 मीटर तक पहुंच चुका है, जिसकी वजह से पानी गांवों में पहुंचने लगा है, जिसका विरोध करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर के साथ अन्य महिलाओं ने नर्मदा अष्टकम और नर्मदा आरती के बाद मोक्षदायिनी मां नर्मदा को राखी बांधी. इसके बाद उन्होंने उपवास शुरू कर दिया.

NBA नेत्री मेधा पाटकर ने छोटा बढ़दा गांव में शुरू किया सत्याग्रह
मेधा पाटकर ने बताया कि लोगों ने 24 घंटे का क्रमिक उपवास शुरू कर दिया है, केंद्र सरकार नर्मदा से खिलवाड़ करते हुए हठधर्मिता दिखा रही है, इसलिए सत्याग्रह करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय विवाद के चलते पिछली बीजेपी सरकार ने 6 हजार लोगों का पुनर्वास नहीं होने की बात कही थी, जबकि ऐसे 32 हजार परिवार हैं जिसमें 16 हजार परिवारों को डूब से बाहर बताया गया है, जोकि सरासर गलत है.उन्होंने कहा कि गुजरात को इस साल पानी की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि 204 जलाशय या तो लबालब अथवा 80 प्रतिशत तक भर चुके हैं, बिजली के मामले में मप्र को 7000 मेगावाट चाहिए, जबकि 21 हजार मेगावाट बनाई जा रही है.
Intro:बड़वानी जिले अंजड तहसील में नर्मदा नदी किनारे डूब प्रभावित गांव छोटा बढ़दा में जलस्तर लगभग 133 मीटर के करीब पहुच चुका है और घाट जलमग्न होकर गांव में घुस रहा है वही नर्मदा बचाओ आंदोलन ने भी कमर कस ली है तथा घुटने घुटने पानी मे खड़े होकर एनबीए नेत्री मेधा पाटकर के साथ महिलाओं ने नर्मदा अष्टकम तथा नर्मदा आरती गाने के बाद नर्मदा को राखी बांधी गई।
छोटा बढ़दा में एनबीए ने विरोध स्वरूप चुनौती सत्याग्रह शुरू कर दिया है और जहा सत्याग्रह चल रहा है उसके नजदीक ही डूब का पानी लगातार बढ़ रहा है।Body:मेधा पाटकर ने कहा कि डूबेंगे पर यहा से हटेंगे नही लोग 24 घण्टे का क्रमिक उपवास शुरू कर चुके है,केन्र्द सरकार द्वारा नर्मदा से खिलवाड़ करते हुए हठधर्मिता दिखा रही है इसलिए सत्याग्रह पर बैठना पड़ा, अंतरराज्यीय विवाद पर पिछली भाजपा सरकार ने झूठे शपथ पेश किए है । सरकार 6 हजार लोगो का पुनर्वास बाकी बता रही है जबकि 32 हजार परिवार है जिसमे 16 हजार परिवारों को डूब से बाहर बता दिया वह भी शामिल है।गुजरात को इस साल पानी की आवश्यकता ही नही है क्योंकि 204 जलाशय या तो लबालब अथवा 80 प्रतिशत तक भर चुके है बिजली के मामले में मप्र को 7000 मेगावाट चाहिए जबकि 21 हजार मेगावाट बनाई जा रही है।
बाइट01-मेधा पाटकरConclusion:बढ़ते जलस्तर के चलते नर्मदा किनारे वाले गांव धीरे धीरे डूब की कगार पर आ पहुचे है वही एनबीए 133 मीटर से अधिक जलस्तर नही बढ़ने देने की मांग को लेकर छोटा बढ़दा में नर्मदा को राखी बांधकर चुनौती सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
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