बड़वानी। लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के सरदार सरोवर बांध को लेकर दिए बयान पर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने पलटवार किया है. मेधा पाटकर ने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान झूठे आधार पर निर्भर है.
पीएम मोदी का झूठा बयान
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से सरदार सरोवर बांध पर झूठा बयान दिया है. सरदार सरोवर बांध का निर्माण किसानों को खेती करने के लिए पानी उपलब्ध कराने, कच्छ, सौराष्ट्र और राजस्थान के सूखे इलाके में पानी पहुंचाने के लिए बनाया गया था, लेकिन बांध से 481 कंपनियों को पानी दिया जा रहा है, इसकी सूची हमारे पास है.
मेधा पाटकर ने कहा है कि सरदार सरोवर बांध में 139 मीटर तक पानी भरना है. इसके लिए गुजरात सरकार और केंद्र सरकार चाहती है कि मध्यप्रदेश में पानी छोड़ा जाए, लेकिन मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र को बांध से सिर्फ बिजली का ही लाभ मिलना है.
किसानों को नहीं मिल रहा पानी
नेत्री मेधा पाटकर ने कहा कि उनके पास जो आंकड़ों की सूची है, उसके मुताबिक 2019 में जनवरी से मई महीने तक 223 मिलियन यूनिट बिजली बनी है, जो 15 सालों में सबसे कम है, जबकि हकीकत में मप्र के पास बिजली उत्पादन पर्याप्त है. गुजरात सरकार भी निजी कंपनियों से बिजली खरीद रही है और सरदार सरोवर बांध से बिजली बनाना टाल रही है, क्योंकि उन्हें सिर्फ कंपनियों के लिए पानी चाहिए, इसीलिए कच्छ और सौराष्ट्र के किसान भी आक्रोशित हैं.
पीएम मोदी ये कहा था
बता दें कि लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा था कि सरदार सरोवर बांध सरदार पटेल के दिमाग की उपज थी, लेकिन इस बांध पर काम में लगातार देरी हो रही थी. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे इस परियोजना के लिए उपवास पर बैठना पड़ा था. एनडीए के सत्ता में आने के बाद काम की गति बढ़ गई और इससे करीब 4 करोड़ लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है.