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बड़वानी: कई गांव बने टापू, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा प्रशासन

बड़वानी में नर्मदा के उफान पर आने के बाद सरदार सरोवर बांध के कई गेट खोल दिये गये. जिसके बाद से डूब प्रभावित कुकरा-राजघाट कई दिनों से टापू में तब्दील हो गया है. यहां करीब 40 परिवार अब भी मौजूद हैं, जबकि कई घर जलमग्न हो गए हैं.

बड़वानी में बाढ़ का कहर
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Published : Sep 10, 2019, 8:41 PM IST

बड़वानी। प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नर्मदा नदी अपने पूरे उफान पर है. जिसके बाद कई डैम के गेट खोल दिये हैं. वहीं डैम के गेट खोलने के बाद कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. तो कई गांवों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में जिला प्रशासन भी अपने स्तर से प्रभावितों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा हुआ है.

बड़वानी में बाढ़ का कहर

बड़वानी में नर्मदा के उफान पर आने के बाद सरदार सरोवर बांध के कई गेट खोल दिये गये. जिसके बाद से डूब प्रभावित कुकरा-राजघाट कई दिनों से टापू में तब्दील हो गया है. यहां करीब 40 परिवार अब भी मौजूद हैं, जबकि कई घर जलमग्न हो गए हैं. नर्मदा के ऊपरी कछार में लगातार भारी बारिश के चलते बांध का बैक वाटर 136 मीटर से ऊपर तक पहुंच गया है. जिसके बाद टापू में रह रहे बाकी घर भी डूबने की तैयारी में हैं. ऐसे में जिला प्रशासन टीम के साथ डूब क्षेत्रों में सतत निगरानी रखते हुए प्रभावितों से संवाद कर मकान खाली कराने में जुटा है.

वहीं उचित मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर प्रभावित भी अपना आशियाना छोड़ने को तैयार नहीं हैं. हालांकि कुछ लोग प्रशासन को सहयोग करते हुए घर खाली करने में जुटे थे, लेकिन उनके मवेशियों को कर्मचारियों ने टापू से बाहर निकालने की बजाए उनके खेतों में छोड़ दिया, जिसके बाद एसडीएम के खिलाफ महिलाओं का आक्रोश फूट पड़ा. ऐसे में महिला कर्मचारियों ने किसी तरह घेरा बना कर एसडीएम को कवर किया, बाद में तहसीलदार द्वारा लिखित में तीन दिन में फसल का मुआवजा देने की बात पर मामला शांत करवाया गया.

गौरतलब है कि प्रदेश के बड़वानी सहित कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. जिसके बाद नदी-नाले उफान पर है तो बांधों के जरिये भी लगाता पानी पानी छोड़े जा रहे हैं. ऐसे में कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. जहां से ग्रामीणों को सुरक्षित सामान के साथ निकालने में जिला प्रशासन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है.

बड़वानी। प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नर्मदा नदी अपने पूरे उफान पर है. जिसके बाद कई डैम के गेट खोल दिये हैं. वहीं डैम के गेट खोलने के बाद कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. तो कई गांवों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में जिला प्रशासन भी अपने स्तर से प्रभावितों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा हुआ है.

बड़वानी में बाढ़ का कहर

बड़वानी में नर्मदा के उफान पर आने के बाद सरदार सरोवर बांध के कई गेट खोल दिये गये. जिसके बाद से डूब प्रभावित कुकरा-राजघाट कई दिनों से टापू में तब्दील हो गया है. यहां करीब 40 परिवार अब भी मौजूद हैं, जबकि कई घर जलमग्न हो गए हैं. नर्मदा के ऊपरी कछार में लगातार भारी बारिश के चलते बांध का बैक वाटर 136 मीटर से ऊपर तक पहुंच गया है. जिसके बाद टापू में रह रहे बाकी घर भी डूबने की तैयारी में हैं. ऐसे में जिला प्रशासन टीम के साथ डूब क्षेत्रों में सतत निगरानी रखते हुए प्रभावितों से संवाद कर मकान खाली कराने में जुटा है.

वहीं उचित मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर प्रभावित भी अपना आशियाना छोड़ने को तैयार नहीं हैं. हालांकि कुछ लोग प्रशासन को सहयोग करते हुए घर खाली करने में जुटे थे, लेकिन उनके मवेशियों को कर्मचारियों ने टापू से बाहर निकालने की बजाए उनके खेतों में छोड़ दिया, जिसके बाद एसडीएम के खिलाफ महिलाओं का आक्रोश फूट पड़ा. ऐसे में महिला कर्मचारियों ने किसी तरह घेरा बना कर एसडीएम को कवर किया, बाद में तहसीलदार द्वारा लिखित में तीन दिन में फसल का मुआवजा देने की बात पर मामला शांत करवाया गया.

गौरतलब है कि प्रदेश के बड़वानी सहित कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. जिसके बाद नदी-नाले उफान पर है तो बांधों के जरिये भी लगाता पानी पानी छोड़े जा रहे हैं. ऐसे में कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. जहां से ग्रामीणों को सुरक्षित सामान के साथ निकालने में जिला प्रशासन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है.

Intro:प्रदेश मे लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नर्मदा नदी अपने पूरे उफान है जिसके चलते कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है वही जिला प्रशासन भी अपने स्तर से प्रभावितों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा है।
Body:बड़वानी जिले से लगे नर्मदा किनारे सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित कुकरा-राजघाट जो कि कई दिनों से टापू के रूप में तब्दील हो गया है। यहां करीब 40 परिवार अब भी मौजूद है जबकि कई घर जलमग्न हो गए है। नर्मदा के ऊपरी कछार में लगातार भारी बारिश के चलते बांध का बैक वाटर 136 मीटर से ऊपर तक पहुच गया है जिससे टापू में रह रहे बाकी घर भी डूबने की तैयारी में है ऐसे में जिला प्रशासन टीम के साथ डूब क्षेत्रो में सतत निगरानी रखते हुए प्रभावितों से संवाद कर मकान खाली कराने में जुटा है वही उचित मुआवजे तथा अन्य मांगों को लेकर प्रभावित भी अपना आशियाना छोड़ने को तैयार नही। हालांकि कुछ लोग प्रशासन को सहयोग करते हुए घर खाली करने में जुटे थे किंतु उनके मवेशियों को कर्मचारियों ने टापू से बाहर निकालने की बजाए उनके खेतो में छोड़ दिया जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई । एसडीएम के खिलाफ महिलाओं का आक्रोश फुट पड़ा जिसके चलते महिला कर्मचारियों ने घेरा बना कर एसडीएम को कवर किया, बाद में तहसीलदार द्वारा लिखित में तीन दिन में फसल का मुआवजा देने की बात पर मामला शांत हुआ।
बाइट01-मन्नालाल दरबार-प्रभावित
बाइट02-अभयसिंह ओहरिया-एसडीएम

Conclusion:लगातार बढ़ते जलस्तर से टापू बने गांवों से डूब प्रभावितों को सुरक्षित समान के साथ निकालने में जिला प्रशासन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।
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