बड़वानी। एक तरफ सरकारें उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध कराए जाने का वादा करती हैं. लेकिन जब किसी असहाय को कोई मदद नहीं मिलती तो वादे खोखले ही नजर आते हैं. ऐसा ही एक मामला बड़वानी जिले के लोनसरा गांव से सामने आया. जहां एक व्यक्ति अपनी बीमार बुजुर्ग मां को हाथ ठेले पर बैठाकर 13 किलोमीटर दूर अस्पताल तक लाया. ऐसा उसे इसलिए करना पड़ा क्योंकि स्वास्थ्य विभाग से उसे कोई मदद नहीं मिली.
20 दिन पहले युवक की मां के पैर में काटा चुभ गया था जिसके चलते घांव हो जाने से डॉक्टरों ने आपरेशन करने की बात कही. जिसके बाद वह जिला अस्पताल अब तक चार बार हाथठेले से अपनी मां के पांव के जख्म की ड्रेसिंग करवा चुका है.
जब इस स्थिति पर गांव के एक शिक्षक से इस मामले में पूछा गया तो कि ग्रामीण ऐसे समय पर मानवीय आधार पर मदद क्यो नहीं करते तो. उन्होंने कहा कि लोग तो मदद करना तो चाहते है लेकिन खुद्दारी की वजह से वह मना कर देता है.
जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर लोनसरा गांव जहां बस के आने जाने की सुविधा नहीं है. इसी के चलते इस गांव के युवक जो हाथठेले पर पुराने बर्तन सुधारने का कार्य करता है. वहीं मां के इलाज के लिए वह रोज 26 किमी पैदल इलाज के लिए आना-जाना कर रहा है.