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Love Jihad Case: कानून बनने के बाद MP में लव जिहाद को लेकर बड़वानी में पहली FIR दर्ज

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Published : Jan 19, 2021, 11:01 AM IST

Updated : Jan 19, 2021, 11:15 AM IST

मध्य प्रदेश में लव जिहाद कानून के तहत बड़वानी पुलिस ने पहला केस दर्ज कर लिया है, ये कार्रवाई पीड़िता की शिकायत के बाद की गई है.

First case of Love Jihad registered in MP
लव जिहाद का पहला मामला

बड़वानी। लव जिहाद कानून बनने के बाद बड़वानी जिले में पहली FIR दर्ज की गई है. साथ ही पीड़िता की शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी सोहेल उर्फ सनी मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया है.

लव जिहाद का पहला मामला
  • लव जिहाद का पहला केस दर्ज

पुलिस के मुताबिक पिछले 4 सालों से आरोपी शादी का झांसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म कर रहा था. जब युवती को युवक के असली धर्म की जानकारी मिली, तो उसने रिश्ते से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपी सोहेल युवती को बदनाम करने की धमकी देने लगा. जैसे ही इस पूरे मामले की जानकारी युवती के परिजनों को लगी, उन्होंने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने कई धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.

First case of Love Jihad registered in MP
आरोपी सोहेल गिरफ्तार
  • शादी का झांसा देकर करता रहा दुष्कर्म

पुलिस का कहना है कि आरोपी ने अपना धर्म छुपाकर युवती के साथ शादी करने की बात कही. युवक ने नाम बदलकर सनी रख लिया और लगातार चार सालों तक युवती के साथ दुष्कर्म करता रहा. पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ लव जिहाद कानून के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है.

  • धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत मामला दर्ज

बड़वानी जिले में मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत यह पहला केस दर्ज हुआ है. FIR के बाद पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा है, पुलिस का कहना है कि इस कानून के तहत आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

  • क्या है धर्म स्वातंत्र्य कानून ?

धर्मांतरण और बहला-फुसलाकर शादी करने पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाता है. साथ ही 10 साल की सजा का प्रावधान है.

  1. धर्मांतरण कर शादी करने के 2 महीने पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों की ओर से लिखित में आवेदन देना होता है.
  2. धर्मांतरण कर शादी करवाने वाले धर्मगुरुओं को भी सह आरोपी बनाया जाएगा और 5 साल की सजा का प्रावधान है.
  3. धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई.
  • राज्यपाल ने दी थी मंजूरी

लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को लखनऊ राजभवन भेजा गया था. जहां राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी. मध्यप्रदेश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने ये कानून बनाया है.

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में लागू हुआ धर्म स्वातंत्र्य कानून

  • इसलिए पड़ी कानून की जरूरत

मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कई मामले लगातार सामने आ रहे थे. इसके अलावा कई शिकायतें भी अलग-अलग थानों में इस तरह की दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने एलान किया था कि झूठ और षड़यंत्र के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ा कानून बनेगा और अब ये अस्तित्व में है. इसे अब लागू कर दिया गया है. जिसे लेकर बड़वानी में पहली एफआईआर दर्ज की गई.

बड़वानी। लव जिहाद कानून बनने के बाद बड़वानी जिले में पहली FIR दर्ज की गई है. साथ ही पीड़िता की शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी सोहेल उर्फ सनी मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया है.

लव जिहाद का पहला मामला
  • लव जिहाद का पहला केस दर्ज

पुलिस के मुताबिक पिछले 4 सालों से आरोपी शादी का झांसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म कर रहा था. जब युवती को युवक के असली धर्म की जानकारी मिली, तो उसने रिश्ते से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपी सोहेल युवती को बदनाम करने की धमकी देने लगा. जैसे ही इस पूरे मामले की जानकारी युवती के परिजनों को लगी, उन्होंने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने कई धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.

First case of Love Jihad registered in MP
आरोपी सोहेल गिरफ्तार
  • शादी का झांसा देकर करता रहा दुष्कर्म

पुलिस का कहना है कि आरोपी ने अपना धर्म छुपाकर युवती के साथ शादी करने की बात कही. युवक ने नाम बदलकर सनी रख लिया और लगातार चार सालों तक युवती के साथ दुष्कर्म करता रहा. पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ लव जिहाद कानून के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है.

  • धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत मामला दर्ज

बड़वानी जिले में मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत यह पहला केस दर्ज हुआ है. FIR के बाद पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा है, पुलिस का कहना है कि इस कानून के तहत आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

  • क्या है धर्म स्वातंत्र्य कानून ?

धर्मांतरण और बहला-फुसलाकर शादी करने पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाता है. साथ ही 10 साल की सजा का प्रावधान है.

  1. धर्मांतरण कर शादी करने के 2 महीने पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों की ओर से लिखित में आवेदन देना होता है.
  2. धर्मांतरण कर शादी करवाने वाले धर्मगुरुओं को भी सह आरोपी बनाया जाएगा और 5 साल की सजा का प्रावधान है.
  3. धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई.
  • राज्यपाल ने दी थी मंजूरी

लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को लखनऊ राजभवन भेजा गया था. जहां राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी. मध्यप्रदेश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने ये कानून बनाया है.

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में लागू हुआ धर्म स्वातंत्र्य कानून

  • इसलिए पड़ी कानून की जरूरत

मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कई मामले लगातार सामने आ रहे थे. इसके अलावा कई शिकायतें भी अलग-अलग थानों में इस तरह की दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने एलान किया था कि झूठ और षड़यंत्र के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ा कानून बनेगा और अब ये अस्तित्व में है. इसे अब लागू कर दिया गया है. जिसे लेकर बड़वानी में पहली एफआईआर दर्ज की गई.

Last Updated : Jan 19, 2021, 11:15 AM IST
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