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निमाड़ के खेतों में होगी ड्रैगन फ्रूट की खेती, जानें क्या है इसकी खासियत

कई बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक ड्रेगन फ्रूट की खेती पहली बार सेंधवा निवासी उन्नतशील किसान ने शुरू की है. जिसके लिए 7 हजार कलम तैयार की गई है देश में इस फल की खेती महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा में कुछ जगहों पर की जा रही हैं.

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Published : May 24, 2019, 10:34 PM IST

खेती के लिए तैयार कलमें

बड़वानी। जिले के सेंधवा में एक उन्नतशील किसानों ने निमाड़ में पहली बार अमेरिका और चाइना में लोकप्रिय ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है. बाजार 80 रुपए से 200 रुपए प्रति नग तक बिकने वाले इस ड्रैगन फ्रूट के फल की 7 हजार कलम तैयार की गई है. डॉ गंगाराम ने मुंबई से लाकर करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार किए है. जिन्हें देखने के लिए उनके फार्म हाउस पर लोग आ रहे हैं.

खेती के लिए तैयार कलमें

कई बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक इस फल की खेती पहली बार सेंधवा निवासी उन्नतशील किसान ने शुरू की है. देश मे इस फल की खेती महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा में कुछ जगहों पर की जा रही हैं. किसान डॉ गंगाराम सिंगोरिया ने करीब साल भर पहले जानकारी मिलने पर मुंबई से 7 हजार पौधे लाकर उनसे करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार किए है.

जाने कैसे होगी खेती
एक पौधा करीब 50 रुपए में खरीद कर इन पौधे से लाखों पौधे तैयार कर बारिश में करीब16 एकड़ कृषि भूमि पर लगाए जाएंगे. बहुवर्षीय फसल में सहायक इस पौधे की टहनियों को काट कर नए पौधे तैयार किए जा सकते है. शुरुआती दौर में एक पौधे पर 5 से 10 ड्रेगन फल लगते है. जिनकी धीरे धीरे संख्या बढ़ती जाती है. फल बनने में करीब 40 से 45 दिन लगते है और इसका वजन 250 ग्राम से 400 ग्राम तक का होता है. बाजार में फल की दुकानों पर साइज के हिसाब से प्रति नग बिकता है. जिसकी कीमत 80 रुपए से 200 रुपए तक होती है.

बड़ा गुणकारी है ड्रेगन फ्रुट
औषधीय गुणों के चलते इस इस फल की मांग अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर बहुत है. ड्रैगन फ्रूट डायबिटीज, अस्थमा,कोलेस्ट्रॉल, मोटापा कम करने के अलावा हार्ट को मजबूत करने के साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक है. इसके बीजों में पाली अनसेचुरेटेड फैट ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है. कई खूबियों वाले ड्रैगन फ्रूट में विटामिन बी, सी और कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में होता है.

ड्रेगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम
ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम हेलेसिरस अंडेट्स है साथ ही इसको पिताया फल के नाम भी जाना जाता है, मैक्सिको सिटी में इस फल का उत्पादन बहुतायत में किया जा है. इसके अलावा मध्य अमेरिका, दक्षिणी एशिया के कई देशों थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया में वृहद स्तर पर ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन किया जाता है.

ड्रैगन फ्रूट को लेकर क्या कहते है लोग
डॉ सिंगोरिया का कहना है कि फल के लिए निमाड़ का मौसम काफी अनुकूल है. आमतौर पर इसका स्वाद फीका रहता है किंतु निमाड़ की जलवायु इस फल को सूट करेगी और इसका स्वाद भी बेहतर रहेगा.
भोपाल के न्यू मार्केट स्थित फल व्यवसायी साहू का कहना है कि यह वर्तमान में रेल परिवहन से मुंबई से आता है और फल विक्रेता इसे खरीद कर बेचने के अलावा आसपास के शहरों में भी पहुंचाते हैं.
जिले सेंधवा में रहने वाले डॉ सिंगोरिया इससे पहले सफेद मूसली और सुपर फूड चिया का भी उत्पादन कर चुके हैं, वहीं इस बार ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने जा रही है. जिसकी मांग बहुत है और नग से बिकने वाले फल की कीमत भी आम फलों से अधिक है.

बड़वानी। जिले के सेंधवा में एक उन्नतशील किसानों ने निमाड़ में पहली बार अमेरिका और चाइना में लोकप्रिय ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है. बाजार 80 रुपए से 200 रुपए प्रति नग तक बिकने वाले इस ड्रैगन फ्रूट के फल की 7 हजार कलम तैयार की गई है. डॉ गंगाराम ने मुंबई से लाकर करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार किए है. जिन्हें देखने के लिए उनके फार्म हाउस पर लोग आ रहे हैं.

खेती के लिए तैयार कलमें

कई बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक इस फल की खेती पहली बार सेंधवा निवासी उन्नतशील किसान ने शुरू की है. देश मे इस फल की खेती महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा में कुछ जगहों पर की जा रही हैं. किसान डॉ गंगाराम सिंगोरिया ने करीब साल भर पहले जानकारी मिलने पर मुंबई से 7 हजार पौधे लाकर उनसे करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार किए है.

जाने कैसे होगी खेती
एक पौधा करीब 50 रुपए में खरीद कर इन पौधे से लाखों पौधे तैयार कर बारिश में करीब16 एकड़ कृषि भूमि पर लगाए जाएंगे. बहुवर्षीय फसल में सहायक इस पौधे की टहनियों को काट कर नए पौधे तैयार किए जा सकते है. शुरुआती दौर में एक पौधे पर 5 से 10 ड्रेगन फल लगते है. जिनकी धीरे धीरे संख्या बढ़ती जाती है. फल बनने में करीब 40 से 45 दिन लगते है और इसका वजन 250 ग्राम से 400 ग्राम तक का होता है. बाजार में फल की दुकानों पर साइज के हिसाब से प्रति नग बिकता है. जिसकी कीमत 80 रुपए से 200 रुपए तक होती है.

बड़ा गुणकारी है ड्रेगन फ्रुट
औषधीय गुणों के चलते इस इस फल की मांग अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर बहुत है. ड्रैगन फ्रूट डायबिटीज, अस्थमा,कोलेस्ट्रॉल, मोटापा कम करने के अलावा हार्ट को मजबूत करने के साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक है. इसके बीजों में पाली अनसेचुरेटेड फैट ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है. कई खूबियों वाले ड्रैगन फ्रूट में विटामिन बी, सी और कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में होता है.

ड्रेगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम
ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम हेलेसिरस अंडेट्स है साथ ही इसको पिताया फल के नाम भी जाना जाता है, मैक्सिको सिटी में इस फल का उत्पादन बहुतायत में किया जा है. इसके अलावा मध्य अमेरिका, दक्षिणी एशिया के कई देशों थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया में वृहद स्तर पर ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन किया जाता है.

ड्रैगन फ्रूट को लेकर क्या कहते है लोग
डॉ सिंगोरिया का कहना है कि फल के लिए निमाड़ का मौसम काफी अनुकूल है. आमतौर पर इसका स्वाद फीका रहता है किंतु निमाड़ की जलवायु इस फल को सूट करेगी और इसका स्वाद भी बेहतर रहेगा.
भोपाल के न्यू मार्केट स्थित फल व्यवसायी साहू का कहना है कि यह वर्तमान में रेल परिवहन से मुंबई से आता है और फल विक्रेता इसे खरीद कर बेचने के अलावा आसपास के शहरों में भी पहुंचाते हैं.
जिले सेंधवा में रहने वाले डॉ सिंगोरिया इससे पहले सफेद मूसली और सुपर फूड चिया का भी उत्पादन कर चुके हैं, वहीं इस बार ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने जा रही है. जिसकी मांग बहुत है और नग से बिकने वाले फल की कीमत भी आम फलों से अधिक है.

Intro:Special story
बड़वानी जिले के सेंधवा में एक उन्नतशील किसान ने निमाड़ में पहली बार अमेरिका और चाइना में लोकप्रिय ड्रेगन फल की खेती शुरू की है। जी हां बाजार 80 रुपए से 200 रुपए प्रति नग तक बिकने वाले इस ड्रेगन आकार के फल की 7000 कलम मुंबई से लाकर करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार किए है डॉ गंगाराम ने अपने फार्म हॉउस पर पता लगने पर जिन्हें उत्सुकतावश लोग उनके फार्म हॉउस पर पौधे देखने पहुँच रहे है।


Body:अमेरिका और चाइना का ड्रेगन फल जिसका अब पहली बार निमाड़ में भी उत्पादन होगा। कई बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक इस फल की खेती पहली बार सेंधवा निवासी उन्नतशील किसान ने शुरू की है। देश मे इस फल की खेती महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा में कुछ स्थानों पर की जा रही हैं। किसान डॉ गंगाराम सिंगोरिया ने करीब साल भर पहले जानकारी मिलने पर मुंबई से 7 हजार पौधे लाकर उनसे करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार किए है। एक पौधा करीब 50 रुपए में खरीद कर इन पौधे से लाखो पौधे तैयार कर बारिश में करीब 16 एकड़ कृषि भूमि पर लगाए जाएंगे, बहुवर्षीय फसल में सहायक इस पौधे टहनियों को काट कर नए पौधे तैयार किए जा सकते है। शुरुआती दौर में एक पौधे पर 5 से 10 ड्रेगन फल लगते है जिनकी धीरे धीरे संख्या बढ़ती जाती है। इस फल के फूल रात को ही खिलते है जो बड़े आकार में होता है और फल बनने में करीब 40 से 45 दिन लगते है तथा इसका वजन 250 ग्राम से 400 ग्राम तक का होता है और यह खुले बाजार में फल की दुकानों पर साइज के हिसाब से प्रति नग बिकता है जिसकी कीमत 80 रुपए से 200 रुपए तक होती है। ओषधीय गुणों के चलते इस ड्रेगन फल की मांग अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर बहुत है।
ड्रेगन फ्रूट डायबिटीज, अस्थमा,कोलेस्ट्रॉल , मोटापा कम करने के अलावा हार्ट को मजबूत करने के साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक है। इसके बीजों में पाली अनसेचुरेटेड फेट ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है। कई खूबियों वाले ड्रेगन फ्रूट में विटामिन बी, सी और कैल्शियम , आयरन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में होता है।
ड्रेगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम हेलेसिरस अंडेट्स है साथ ही इसको पिताया फल के नाम भी जानते ह, मैक्सिको सिटी में इस फल का उत्पादन बहुतायत में किया जा है इसके अलावा मध्य अमेरिका, दक्षिणी एशिया के कई देशों थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया में वृहद स्तर पर ड्रेगन फ्रूट का उत्पादन किया जाता है।
डॉ सिंगोरिया का हकना है कि उक्त फल के निमाड़ का मौसम काफी अनुकूल है ,आमतौर पर इसका स्वाद फीका रहता है किंतु निमाड़ की जलवायु इस फल को शूट करेगी और इसका स्वाद भी बेहतर रहेगा।
भोपाल के न्यू मार्केट स्थित फल व्यवसायी साहू का कहना है कि यह वर्तमान में रेल परिवहन द्वारा मुंबई से आता है और फल विक्रेता इसे खरीद कर बेचने के अलावा आसपास के शहरों को भी बेचते है।
byte01- डॉ गंगाराम सिंगोरिया
byte02- राजेश साहू-फल विक्रेता


Conclusion:जिले सेंधवा में रहने वाले डॉ सिंगोरिया इससे पहले सफेद मूसली और सुपर फूड चिया का भी उत्पादन कर चुके वही इस बार ड्रेगन फल की खेती शुरू करने जा रही है जिसकी मांग बहुत है तथा नग से बिकने वाले फल की कीमत भी आम फलों से अधिक है।
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