बड़वानी। कोरोना वायरस के खतरे के चलते हर तरफ लॉकडाउन की स्थिति है. ऐसे में निमाड़ के किसानों की कमर आर्थिक रूप से टूट गई है. लॉकडाउन के चलते परिवहन बन्द होने से किसान अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं, जिससे सब्जियां खेतों में खराब हो रही हैं, ऐसे में किसान सब्जियों से लदे पौधे उखाड़ कर फेंक रहे हैं, वही सब्जियों को पशुओं को खिला रहे हैं.
किसान दिलीप पाटीदार ने बताया कि चार एकड़ से अधिक जमीन पर सब्जी बोई थी. लॉकडाउन के चलते अब पूरी फसल को उखाड़ रहे हैं, वहीं सामाजिक संगठनों द्वारा मांग पर उन्हें निःशुल्क दी जा रही है. इसके अलावा पालतू पशुओं को भी सब्जियां खिलाई जा रही हैं.
उन्नत किसान सुखदेव यादव ने बताया की उसने अपने 20 एकड़ खेत में टिंसी, गोभी व तरबूज लगाए थे जो कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन से लगभग 13 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है.
पश्चिम निमाड़ जिसकी आर्थिक स्थिति खेती किसानी करने वाले लोगों पर निर्भर हैं क्योंकि अधिकतर किसान बारह महीने खेती के जरिए सब्जियों की फसल लेते हैं, वहीं यहां से सब्जियों की मांग देश के कई बड़े शहरों में रहती है. वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण आवागमन बन्द होने और स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन होने से सब्जियों की मांग बड़े स्तर पर घट गई है, जिसके चलते किसानों को लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.