बड़वानी। अंजड नगर में एक सामाजिक संस्था द्वारा लॉकडाउन के चलते घरों में कैद नौनिहालों को घरों में व्यस्त रखने और उनकी छिपी हुई प्रतिभाओं को बाहर निकालने के लिए नवाचार करते हुए सोशल मीडिया पर ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता आयोजन किया गया है. इस प्रतियोगिता ने बच्चों को बैठे बिठाए लगे हाथों काम दे दिया.
संस्था ने लॉकडाउन में चित्रकला के लिए कलर और अन्य संसाधनों के अभाव को देखते हुए प्रतिभागियों को सभी प्रकार की छूट दी है.अब तक 200 से अधिक चित्रकारी की गई प्रविष्टियां जमा की गई हैं. अंजड की एक समर्पण सेवा समूह संस्था ने नौनिहालों को कोरोना संक्रमण के तनाव से दूर करने ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया है.
व्हाट्सएप पर भेजी जा रही हैं पेंटिंग्स
इस प्रतियोगिता में बच्चों के द्वारा अलग-अलग विषयों पर पेंटिंग बनाकर व्हाट्सएप पर भेजी जा रही है. इन चित्रकलाओं को चाइल्ड लाइन और अन्य निर्णायकों के द्वारा सिलेक्ट कर प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पुरस्कार विजेता घोषित कर इनाम दिये जाएंगे.
ईटीवी भारत पहुंचा संस्था के ऑफिस
ईटीवी भारत जब संस्था के ऑफिस पहुंचा, तब वहां कोई परिजन तो कोई बच्चा खुद ही अपनी पेंटिंग जमा कराने पहुंचा था. लगे हाथ हमने परिजनों से संस्था के प्रयासों के बारे में पूछ लिया तो बच्चों से भी चर्चा की तो इन्होंने अपनी चित्रकला के जरिए कई तरह के सामाजिक संदेश से अवगत कराया.
छोटे बच्चों ने दिया बड़ा संदेश
नन्हे समीर की छोटी चित्रकारी में बड़ा संदेश दिखाई दे रहा है, जो महिलाओं की आवाज बुलंद करने को लेकर बनाई गई है, जिसमें महिलाओं को पुरुषों के समान स्वतंत्रता की बात कही गई. वहीं खुशी और वेदांश ने कोरोना संक्रमण के चलते योद्धा की भूमिका निभा रहे लोगों को राष्ट्रीय हीरो बताया. साथ ही कोरोना से किस तरह बचाव किए जाए, इसको लेकर संदेश दिया.मंजूषा परिहार ने पर्यावरण से पृथ्वी को होने वाले नुकसान से आगाह करने वाला सन्देश कलाकारी के माध्यम से दिया.