बड़वानी। आदिवासी विकासखंड पाटी के अंतर्गत देरवालीया गांव में ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. आजादी के बाद से अब तक गांव में कोई भी विकास का काम नहीं हुआ है. देरवालीया गांव से लगी बेनी नदी पर पुल नहीं बनाए जाने से बरसात में ग्रामीण परेशान होते हैं, कभी-कभी तो कई दिनों तक फंस भी जाते हैं.
पाटी नगर से 5 किलोमीटर दूर ग्राम देरवालीया में बेनी नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश में सर्वाधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ले जाने के दौरान होती है. देरवालीया के रहने वाले ग्रामीण बियान सिंह पटेल ने बताया कि आजादी के 70 साल बाद भी उक्त नदी पर पुल का निर्माण नहीं कराया जा सका है. एक पुल के लिए ग्रामीणों पिछले 4 साल से इसकी मांग कर रहे हैं.
ग्रामीण ने बताया कि नदी पर पुल निर्माण को लेकर जिला प्रशासन, आरएस विभाग सहित क्षेत्रीय विधायक और सांसद को आवेदन देकर गुहार लगा चुके हैं. उनसे आश्वासन मिला लेकिन उस पर अमल नहीं हो सका है. पुल के नहीं बनने से ग्रामीणों को लगभग 12 किलोमीटर का चक्कर लगाकर पाटी कस्बा पहुंचना पड़ता है.
![Villagers crossing the river](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bar-01a-rural-forced-to-cross-river-after-risking-life-raw-7203820-hd_20072020182403_2007f_1595249643_484.jpg)
वर्तमान में नदी में बहाव कम है. इसकी वजह से स्थानीय ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार करके निकल जाते हैं. नदी के आसपास देरवालीया समेत एक दर्जन गांव रानीपुरा, चारपाटिया, गारा, भेसारी, कुम्भखेत, रोसमाल, रामगढ़ समेत कई गांवों के लोग पाटी से इन गांवों में जाने के लिए इस नदी से गुजरते हैं.
बच्चों को स्कूल जाने के लिए होती है परेशान
बेनी नदी पर पुल नहीं होने से बच्चों को नहीं मिल रही शिक्षा, बारिश के समय स्कूली बच्चे भी 5 से 6 दिन स्कूल नहीं जाते हैं. जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है. वहीं किसानों को बाजार से खाद बीज लाने के लिए भी काफी परेशान होना पड़ता है.