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जुलवानिया पंचायत के सचिव पर रिश्वत मांगने का आरोप, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग - bribe demanding charged

जुलवानिया पंचायत के सचिव पर रिश्वत मांगने का आरोप लगे हैं. सरपंच पुत्र और सचिव की शिकायत लेकर दर्जनों ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और कार्रवाई की मांग की है.

Villagers protest over irregularities being done by sarpanch son and secretary
सरपंच पुत्र व सचिव द्वारा की जा रही अनियमितता को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन
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Published : Sep 19, 2020, 2:26 AM IST

बड़वानी। सेंधवा जनपद की ग्राम पंचायत जुलवानिया में सरपंच के पुत्र व सचिव की मिलीभगत से अनियमितता की शिकायत लेकर ग्रमीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और पंचायत के संचालन को लेकर गम्भीर आरोप लगाए.

जुलवानिया ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव भायराम सोलांकि पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत करने आए ग्रामीणों ने कहा सरपंच पुत्र व सचिव लोगों से राशन कार्ड बनाने का कार्य रिश्वत लिए बिना नहीं करते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत के करीब 160 हितग्राहियों से 1000 रुपये की रिश्वत ली है, जिन हितग्राहियों की कुटीर स्वीकृत हुई, उनसे 5000 रिश्वत मांगी जा रही है. ग्रामीण सचिव से बहुत परेशान हैं, न समय पर पंचायत खुलती है ना ही ग्रामसभा होती है. इस सम्बंध में ग्रामीण पूर्व में भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

पंचायत स्तर पर कई तरह की अनियमितता को लेकर नाराज ग्रामीण लगातार प्रशासन से गुहार लगाते हैं, लेकिन अनुविभाग स्तर पर उनकी कोई सुनवाई करने वाला नहीं है, जिसके चलते ग्रामीणों को समय और रुपया दोनों खर्च कर जिला मुख्यालय के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता है.

बड़वानी। सेंधवा जनपद की ग्राम पंचायत जुलवानिया में सरपंच के पुत्र व सचिव की मिलीभगत से अनियमितता की शिकायत लेकर ग्रमीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और पंचायत के संचालन को लेकर गम्भीर आरोप लगाए.

जुलवानिया ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव भायराम सोलांकि पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत करने आए ग्रामीणों ने कहा सरपंच पुत्र व सचिव लोगों से राशन कार्ड बनाने का कार्य रिश्वत लिए बिना नहीं करते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत के करीब 160 हितग्राहियों से 1000 रुपये की रिश्वत ली है, जिन हितग्राहियों की कुटीर स्वीकृत हुई, उनसे 5000 रिश्वत मांगी जा रही है. ग्रामीण सचिव से बहुत परेशान हैं, न समय पर पंचायत खुलती है ना ही ग्रामसभा होती है. इस सम्बंध में ग्रामीण पूर्व में भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

पंचायत स्तर पर कई तरह की अनियमितता को लेकर नाराज ग्रामीण लगातार प्रशासन से गुहार लगाते हैं, लेकिन अनुविभाग स्तर पर उनकी कोई सुनवाई करने वाला नहीं है, जिसके चलते ग्रामीणों को समय और रुपया दोनों खर्च कर जिला मुख्यालय के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता है.

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