ETV Bharat / state

ब्लैक फंगसः बड़वानी में मिले ऐसे ही लक्षणों वाले 22 संदिग्ध मरीज - Black fungus disease in Barwani

कोरोना महामारी के बाद अब ब्लैक फंगस ने प्रदेश में दस्तक दे दी है. बड़वानी जिले में 22 लोगों को ब्लैक फंगस जैसे लक्षण दिखाई दिए थे जिन्हें उपचार के बाद ठीक कर दिया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि 22 लोग ब्लैक फंगस के लक्षण जो उपचार के बाद ठीक हो गए है.

22 suspected patients with similar symptoms found in Barwani
बड़वानी में मिले ऐसे ही लक्षणों वाले 22 संदिग्ध मरीज
author img

By

Published : May 14, 2021, 9:40 PM IST

बड़वानी। कोरोना संक्रमण के बीच एक और नई बीमारी सामने आई है. इस बीमारी का नाम ब्लैक फंगस (Black fungus) है. बड़े-बड़े महानगरों से अब यह छोटे जिलों में भी पैर पसार रहा है. जिसके चलते बड़वानी में भी अब तक संदिग्ध 22 लोग ब्लैक फंगस से संक्रमित होकर आंखों का उपचार करा चुके है. यह उन कोरोना पीड़ित मरीजों में देखने को मिल रहा है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर से ली थी और जिन्हें डायबिटीज है. ईटीवी भारत ने जिले के नामचीन नेत्र चिकित्सकों से इस बीमारी को लेकर की चर्चा...

बड़वानी में मिले ऐसे ही लक्षणों वाले 22 संदिग्ध मरीज
  • डायबिटीज वालों में तेजी से फैल रहा ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगल का संक्रमण ज्यादातर उन मरीजों में देखा गया है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे में कोरोना पीड़ित मरीजों को अपना शुगर लेवल का काफी ध्यान रखना चाहिए. जिससे कि इस बीमारी से बचने में मदद मिल सके. वहीं दूसरी और कोरोना संक्रमित लोग भी इसका शिकार हो रहे है. नेत्र चिकित्सक राजेंद्र मालवीय बताते है कि ऑक्सीजन की हमयूटीफायर बॉटल में नार्मल पानी भरने और लंबे समय तक नहीं बदलने से भी ब्लैक फंगस फैलने की आशंका बहुत ज्यादा है. इसको लेकर अस्पतालों में एहतियात बरतने की जानकारी दे दी गई है. कोरोना संक्रमित को स्टेरॉयड देने पर भी ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आ रहे है. कोविड लक्षण वाले मरीजों को दी जा रही मेडिसिन से मरीज को शुगर बढ़ने के साथ उनकी इम्युनिटी भी कम हो रही है.

ब्लैक फंगस: भोपाल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में खोली जाएंगी यूनिट

  • क्या है ब्लैक फंगस के लक्षण

ब्लैक फंगस एक दुर्लभ तरह का इंफेक्शन है, यह इंफेक्शन शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. नेत्र विशेषज्ञों की माने तो म्यूकॉरमाइकोसिस (Mucoramycosis) याने ब्लैक फंगस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद होना साइनस और देखने की क्षमता पर थोड़ा-थोड़ा असर डालता है. ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है. इस फंगस के कारण मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी भी गल जाती है. अगर समय रहते इलाज न मिले तो मरीज की मौत भी हो सकती है.

खतरा अभी टला नहींः कोरोना के बाद बढ़ रहा ब्लैक फंगस (Black fungus) का प्रकोप

  • जिले में अब तक 22 संदिग्ध लोगों को हुआ है ब्लैक फंगस

नेत्र चिकित्सक ललित मालव बताते है कि अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखे तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण या उसके डर के कारण कई बार लोग बिना डॉक्टरी सलाह के या जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड ले लेते हैं, जिसके चलते ब्लैक फंगस का खतरा होता है. अब तक उनके पास संदिग्ध 22 मरीज ब्लैक फंगस के आए है जिनका उपचार किया गया है. मौजूदा वक्त में इस बीमारी से निपटने के लिए अभी सुरक्षित सिस्टम नहीं है. इसकी दवा की शॉर्टेज या कालाबाजारी अभी से ही कुछ जगहों पर होने की खबर आ रही है. ऐसे में विशेषज्ञ बताते हैं कि मौजूदा हालत को देखते हुए सतर्कता ही बचाव का एकमात्र उपाय है.

बड़वानी। कोरोना संक्रमण के बीच एक और नई बीमारी सामने आई है. इस बीमारी का नाम ब्लैक फंगस (Black fungus) है. बड़े-बड़े महानगरों से अब यह छोटे जिलों में भी पैर पसार रहा है. जिसके चलते बड़वानी में भी अब तक संदिग्ध 22 लोग ब्लैक फंगस से संक्रमित होकर आंखों का उपचार करा चुके है. यह उन कोरोना पीड़ित मरीजों में देखने को मिल रहा है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर से ली थी और जिन्हें डायबिटीज है. ईटीवी भारत ने जिले के नामचीन नेत्र चिकित्सकों से इस बीमारी को लेकर की चर्चा...

बड़वानी में मिले ऐसे ही लक्षणों वाले 22 संदिग्ध मरीज
  • डायबिटीज वालों में तेजी से फैल रहा ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगल का संक्रमण ज्यादातर उन मरीजों में देखा गया है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे में कोरोना पीड़ित मरीजों को अपना शुगर लेवल का काफी ध्यान रखना चाहिए. जिससे कि इस बीमारी से बचने में मदद मिल सके. वहीं दूसरी और कोरोना संक्रमित लोग भी इसका शिकार हो रहे है. नेत्र चिकित्सक राजेंद्र मालवीय बताते है कि ऑक्सीजन की हमयूटीफायर बॉटल में नार्मल पानी भरने और लंबे समय तक नहीं बदलने से भी ब्लैक फंगस फैलने की आशंका बहुत ज्यादा है. इसको लेकर अस्पतालों में एहतियात बरतने की जानकारी दे दी गई है. कोरोना संक्रमित को स्टेरॉयड देने पर भी ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आ रहे है. कोविड लक्षण वाले मरीजों को दी जा रही मेडिसिन से मरीज को शुगर बढ़ने के साथ उनकी इम्युनिटी भी कम हो रही है.

ब्लैक फंगस: भोपाल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में खोली जाएंगी यूनिट

  • क्या है ब्लैक फंगस के लक्षण

ब्लैक फंगस एक दुर्लभ तरह का इंफेक्शन है, यह इंफेक्शन शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. नेत्र विशेषज्ञों की माने तो म्यूकॉरमाइकोसिस (Mucoramycosis) याने ब्लैक फंगस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद होना साइनस और देखने की क्षमता पर थोड़ा-थोड़ा असर डालता है. ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है. इस फंगस के कारण मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी भी गल जाती है. अगर समय रहते इलाज न मिले तो मरीज की मौत भी हो सकती है.

खतरा अभी टला नहींः कोरोना के बाद बढ़ रहा ब्लैक फंगस (Black fungus) का प्रकोप

  • जिले में अब तक 22 संदिग्ध लोगों को हुआ है ब्लैक फंगस

नेत्र चिकित्सक ललित मालव बताते है कि अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखे तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण या उसके डर के कारण कई बार लोग बिना डॉक्टरी सलाह के या जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड ले लेते हैं, जिसके चलते ब्लैक फंगस का खतरा होता है. अब तक उनके पास संदिग्ध 22 मरीज ब्लैक फंगस के आए है जिनका उपचार किया गया है. मौजूदा वक्त में इस बीमारी से निपटने के लिए अभी सुरक्षित सिस्टम नहीं है. इसकी दवा की शॉर्टेज या कालाबाजारी अभी से ही कुछ जगहों पर होने की खबर आ रही है. ऐसे में विशेषज्ञ बताते हैं कि मौजूदा हालत को देखते हुए सतर्कता ही बचाव का एकमात्र उपाय है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.