बड़वानी। जिले में कोरोना से निपटने के लिए कोरोना वॉरियर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं. बड़वानी जिले के कलेक्टर अमित तोमर और उनकी पत्नी एएसपी सुनीता रावत कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना वायरस की जंग में मोर्चा संभाले हुए हैं. पत्नी एक ओर जहां महाराष्ट्र बॉर्डर पर महाराष्ट्र से आ रहे हजारों मजदूरों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. तो कलेक्टर अमित तोमर भी जिले की गतिविधियों पर सतत नजर रखे हुए हैं. ईटीवी भारत ने कलेक्टर अमित तोमर से खास बातचीत करते हुए जिले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की.
कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि बड़वानी जिले में कोरोना के 26 पॉजिटिव मरीज मिले थे. जिनमें से अब केवल 23 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं. जबकि बाकी बचे 3 मरीज भी जल्द ठीक हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी सर्तकता से लॉकडाउन का पालन कराने में जुटा है. जिससे जिले में कोरोना का संक्रमण पूरी तरह से कम हो गया है.
पत्नी भी दे रही हैं पूरा साथ
कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि उनकी एएसपी पत्नी भी पूरा साथ दे रही हैं, वो लगातार बिजासन-महाराष्ट्र बॉर्डर से आ रहे मजदूरों की देखरेख में है. उन्हें जब भी जरूरत पड़ती है वो उनके पास पहुंचते हैं. पिछले दिनों मजदूरों की काफी भीड़ जमा हो गई थी. तब दोनों पती-पत्नी ने मिलकर मजदूरों को समझाया और स्थिति को काबू किया.
मजदूरों को भेजा जा रहा है घर
वहीं बड़वानी जिला महाराष्ट्र की सीमा पर होने के चलते हजारों की संख्या में मजदूरों का आना-जाना जारी है. जिससे प्रशासन पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है. कलेक्टर ने बताया कि बताया समाजसेवी संस्थाए, जनप्रतिनिधि और सरकारी स्तर पर हर दिन 10 हजार से अधिक लोगों को दोनों समय का भोजन और समुचित सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. जबकि मजदूरों को उनके घर भेजने का काम भी जारी है.
कलेक्टर का कहना है कि परिश्रम से ही सफलता मिलती है, जिसका परिणाम आज जिले में देखने को मिल रहा है. काफी दिनों से कोई नया कोरोना का मामला सामने नहीं आया है. जबकि जो मरीज अस्पताल में है वो भी घर जाने की कगार पर हैं. कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में सफल हुआ. सतत प्रशासनिक बैठकों और दौरों के चलते एहतियातन कलेक्टर ने अपना मेडिकल चेकअप भी करवाया है. जबकि कुछ दिनों से खुद को होम क्वारंटाइन भी किए हुए थे. लेकिन जैसे ही उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वो फिर काम पर लौट गए.