बड़वानी। कहते हैं, किसी की मदद करने के लिये संसाधनों से ज्यादा जरूरत हौसलों की होती है. यही साबित कर रहे हैं जिले की अंंजड़ तहसील के युवा. जो इन दिनों मानव सेवा में रमे हुए हैं. ना कोई सामाजिक संगठन और ना ही कोई संस्था, बस खुद ही एक टोली बनाकर लॉकडाउन के दौरान गरीबों और जरुरमंदों की मदद कर रहे हैं. लॉकडाउन की घोषणा के पांच दिन बाद से ही लगातार सुबह-शाम दो सौ लोगों को फूड पैकेट पहुंचाने में जुटे हुए हैं. युवाओं के परिजन रोज इतने लोगों का खाना बनाने में मदद करते हैं.
जरुरतमंदों को खिलाते हैं दोनों टाइम खाना
ईटीवी भारत से बात करते हुए इस काम की अगुवाई करने वाले सतीश परिहार ने बताया कि, वे इस काम के लिए किसी भी चंदा नहीं मांगा. हां ये जरुर है कि कुछ लोगों ने आगे आकर खुद ही सहयोग किया है.उन्होंने बताया कि वे साथियों के साथ मिलकर घर- घर जाकर फूड पैकेट उपलब्ध कराते हैं. इनमें गरीब और असहाय लोग तो शामिल हैं ही. इसके अलावा पुलिसकर्मी और स्वास्थकर्मियों को भी खाना उपलब्ध कराते हैं.
घर के सदस्य करते हैं खाना तैयार
घर की महिलाएं भी सुबह शाम दोनों वक्त का खाना तैयार करती हैं. सतीश बताते हैं कि खाने में अलग-अलग तरह के पौष्टिक व्यंजन बनाए जाते हैं. अस्पताल में भर्ती मरीजों व महिलाओं के स्वास्थ का खास ध्यान रखा जाता है. उसी के हिसाब से मेन्यू तैयार किया जाता है.
आसान नहीं था सफर
सतीश बताते हैं उन्हें ये काम करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. खासकर लॉकडाउन में जब खाद्य सामग्री को लेकर काफी परेशानी हुई. लेकिन सेवा के जज्बे ने उनकी हिम्मत नहीं टूटने दी. जिसका परिणाम ही है कि वे रोज दो सौ फूड पैकेट घर-घर पहुंचा रहे हैं.