बड़वानी। सरदार सरोवर बांध के लबालब भर जाने के चलते बड़वानी जिले का राजघाट डूब गया है. नर्मदा का पानी बढ़ने से राजघाट, दत्त मंदिर, धर्मशाला, घर, खेत सब पानी पानी हो गए हैं. जहां किसी पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी. आज वो घाट पूरी तरह डूब गया है. राजघाट ही नहीं बल्कि पूरा इलाका टापू में तब्दील हो गया है.
नर्मदा घाटी के कई हिस्से जलमग्न
बड़वानी जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित राजघाट कुकरा बसाहट गांव एक बार फिर जलमग्न हो गया है. साथ ही कुछ हिस्सा टापू में परिवर्तित हो गया है. सरदार सरोवर बांध के भरने के चलते नर्मदा के बैक वाटर के कारण राजघाट स्थित कुकरा बसाहट गांव हर साल इसी तरह जल समाधि लेता है. नर्मदा नदी पर बनाए गए बांधों से पानी छोड़ने के चलते नर्मदा के जल स्तर में व्यापक बढ़ोतरी हुई है. सरदार सरोवर बांध के भरने के चलते नर्मदा घाटी के कई हिस्से जलमग्न हो चुके हैं या होने की कगार पर हैं.
नर्मदा नदी खतरे के निशान 127 मीटर से उपर
बड़वानी स्थित राजघाट पर नर्मदा नदी का खतरे का निशान 127 मीटर पर है. इसके बाद जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ता है, वैसे नर्मदा घाटी में जल प्रलय के नजारे दिखाई देते हैं. वर्तमान में नर्मदा का जलस्तर जहां 135 मीटर के लगभग है. जिसके चलते कुकरा गांव जलमग्न होकर टापू के रूप में परिवर्तित हो गया है.
गांव बने टापू
वहीं आसपास के कई गांव भी धीरे-धीरे टापू बनने की कगार पर हैं. टापू बने गांव में अभी भी कई परिवार अपने मवेशियों के साथ डटे हुए हैं, जबकि उनके खेत-खलिहान पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर नाराज विस्थापित परिवार अब भी अपने पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं.