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बदनापुर गोलीकांड में आदिवासियों ने की हड़ताल खत्म,10 दिन में की जांच रिपोर्ट की मांग - बुरहानपुर

वन विभाग के डीएफओ, नेपानगर रेंज के एसडीओ और रेंजर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 3 दिन से नेपानगर थाने का घेराव कर रखे आदिवासियों ने मजिस्ट्रियल जांच और कार्रवाई के आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया.

बदनापुर गोलीकांड में आदिवासियों ने की हड़ताल खत्म
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Published : Jul 24, 2019, 11:27 PM IST

बुरहानपुर। बीते 9 जुलाई को हुए बदनापुर गोलीकांड मामले में आदिवासियों ने वन विभाग के डीएफओ, नेपानगर रेंज के एसडीओ और रेंजर की गिरफ्तार की मांग को लेकर पिछले 3 दिन से नेपानगर थाने का घेराव कर रखा था. वहीं आज 10 दिन में मजिस्ट्रियल जांच और कार्रवाई के आश्वासन के बाद आदिवासियों ने 10 दिन के लिए धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया. वहीं 10 दिन में जांच नहीं होने पर दोबारा धरना प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी है.

बदनापुर गोलीकांड में आदिवासियों ने की हड़ताल खत्म

धरने के तीसरे दिन खरगोन अपर कलेक्टर एमएल कनेल नेपानगर पहुंचे और आदिवासियों का पक्ष सुन जांच के लिए 10 दिन का समय मांगा. इसके साथ ही आदिवासी नेता माधुरी बेन भी मजिस्ट्रियल जांच के लिए धरनास्थल पर पहुंची और आदिवासियों की बैठक ली. प्रशासनिक अधिकारियों की समझाईश के चलते आदिवासियों ने थाने के बाहर धरना प्रदर्शन को 10 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है. आदिवासियों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट उनके पक्ष में नहीं आई तो 10 दिन बाद फिर नेपानगर थाने का घेराव करेंगे.

बता दें बुरहानपुर के नेपानगर के बदनापुर जंगल में कक्ष क्रमांक 246 में अतिक्रमण हटाने गई वन विभाग की टीम और आदिवासियों में हुए विवाद के बीच वन विभाग की टीम द्वारा की गई हवाई फायरिंग में पांच आदिवासी छर्रा लगने से घायल हो गये. इस घटना के बाद से आदिवासियों ने नेपानगर थाने को घेर रखा था. वे वन विभाग के डीएफओ, एसडीओ और रेंजर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए थे. घटना के बाद संबंधित अधिकारियों के तबादले कर दिये गए फिर भी आदिवासियों का गुस्सा कम नहीं हुआ था.

बुरहानपुर। बीते 9 जुलाई को हुए बदनापुर गोलीकांड मामले में आदिवासियों ने वन विभाग के डीएफओ, नेपानगर रेंज के एसडीओ और रेंजर की गिरफ्तार की मांग को लेकर पिछले 3 दिन से नेपानगर थाने का घेराव कर रखा था. वहीं आज 10 दिन में मजिस्ट्रियल जांच और कार्रवाई के आश्वासन के बाद आदिवासियों ने 10 दिन के लिए धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया. वहीं 10 दिन में जांच नहीं होने पर दोबारा धरना प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी है.

बदनापुर गोलीकांड में आदिवासियों ने की हड़ताल खत्म

धरने के तीसरे दिन खरगोन अपर कलेक्टर एमएल कनेल नेपानगर पहुंचे और आदिवासियों का पक्ष सुन जांच के लिए 10 दिन का समय मांगा. इसके साथ ही आदिवासी नेता माधुरी बेन भी मजिस्ट्रियल जांच के लिए धरनास्थल पर पहुंची और आदिवासियों की बैठक ली. प्रशासनिक अधिकारियों की समझाईश के चलते आदिवासियों ने थाने के बाहर धरना प्रदर्शन को 10 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है. आदिवासियों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट उनके पक्ष में नहीं आई तो 10 दिन बाद फिर नेपानगर थाने का घेराव करेंगे.

बता दें बुरहानपुर के नेपानगर के बदनापुर जंगल में कक्ष क्रमांक 246 में अतिक्रमण हटाने गई वन विभाग की टीम और आदिवासियों में हुए विवाद के बीच वन विभाग की टीम द्वारा की गई हवाई फायरिंग में पांच आदिवासी छर्रा लगने से घायल हो गये. इस घटना के बाद से आदिवासियों ने नेपानगर थाने को घेर रखा था. वे वन विभाग के डीएफओ, एसडीओ और रेंजर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए थे. घटना के बाद संबंधित अधिकारियों के तबादले कर दिये गए फिर भी आदिवासियों का गुस्सा कम नहीं हुआ था.

Intro:बुरहानपुर जिले का नेपानगर वन परिक्षेत्र का बदनापुर गांव पूरे प्रदेश में सुर्खियों में बना हुआ है, जहां बीते 9 जुलाई को ग्राम बदनापुर के जंगल में हुए गोलीकांड के बाद जंगल में कब्जा जमाए बैठे आदिवासियों ने पिछले 3 दिन से नेपानगर थाने का घेराव कर रखा था, वन विभाग के डीएफओ और नेपानगर रेंज के एसडीओ, रेंजर की गिरफ्तार की मांग को लेकर अडे हुए थे आदिवासी, धरने के तीसरे दिन आदिवासियों की नेता माधुरी बेन प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंची और आदिवासियों से एक बैठक ली, जिसके बाद आदिवासियों ने धरना स्थगित करने का फैसला लिया, साथ ही 10 दिन का अल्टीमेटम दिया ताकि निष्पक्ष जांच हो पाए अन्यथा 10 दिन बाद आदिवासी उग्र आंदोलन करेंगे।


Body:बदनापुर गोलीकांड मामले में तीसरे दिन खरगोन अपर कलेक्टर एमएल कनेल नेपानगर पहुंचे, उनके साथ आदिवासी नेता माधुरी बेन अपने आदिवासी भाईयों के साथ मजिस्ट्रियल जांच के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंची। घटनास्थल पर पहूंचे जांच अधिकारी एमएल कनेल ने आदिवासियों का पक्ष सुना और जांच में 10 दिन का समय लगेगा यह कहां, प्रशासनिक अधिकारियों की समझाईश के चलते आदिवासियों ने थाने के बाहर धरना प्रदर्शन को 10 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है, साथ ही प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट हमारे पक्ष में नहीं आई तो 10 दिन बाद फिर नेपानगर थाने का घेराव करेंगे, इसके साथ ही यह भी कहा कि इस बार हम अलग तरीके से महिलाओं बच्चों सहित सारे मवेशी अपने साथ धरने वाले स्थान पर लेकर आएंगे और नेपानगर थाने का घेराव करेंगे, इस प्रकार की चेतावनी देते हुए धरना प्रदर्शन 10 दिनों के लिए स्थगित किया गया है, इस धरना प्रदर्शन को स्थगित करने से पहले सभी आदिवासियों ने नेपानगर वन परिक्षेत्र पहुंचकर वन विभाग कार्यालय का घेराव किया और जमकर वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 10 दिन की चेतावनी देकर धरना प्रदर्शन को स्थगित किया है, इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि आगे किन-किन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, पूरे मामले में क्या सच्चाई है वह भी 10 दिन बाद ही सामने आऐंगी, आदिवासियों की नेता माधुरी बेन ने मजिस्ट्रियल जांच के दौरान घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारियों पर भी दबाव बनाती नजर आई, तो वही मीडिया को भी सही खबर लगाने की नसीहत दे डाली।


बाईट 01:- माधुरी बेन, आदिवासी नेताConclusion:नेपानगर से सागर चैरसिया की रिपोर्ट मों. 8821919132
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