बालाघाट। जिले के आदिवासियों ने नशा कराकर मछलियों को पकड़ने का नायाब तरीका निकाला है. मछली पकड़ने की ये ट्रिक आदिवासी बैगा इलाके में काफी प्रचलित है. मछलियों को पकड़ने के लिए काम में आने वाले नशे का इंतजाम करने बैगा आदिवासियों को काफी जद्दोजहद भी करनी पड़ती है.
लॉकडाउन के चलते आदिवासी बैगा परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसे देखते हुए लोग अपना पेट भरने के लिए पुराने तरीके से मछलियां पकड़ कर रहे हैं. ये आदिवासी जंगल में मिलने वाले टोन्ध्री नामक फल 'जिसमें नशा होता है' को नदी-नालों के गड्ढों में डालते है. मछलियां नशे में बेहोश हो जाती है और ये लोग उन्हें आसानी से पकड़ लेते है.
नशे में धुत मछलियों को आदिवासी बैगा परिवार पकड़ लेते है. इस तरीके से पिछले कई सालों से बैगा परिवार मछलियां पकड़ते आ रहे हैं. प्रकृति के बेहद करीब रहने वाली बैगा जनजाति का आज भी रहन सहन प्राचीन तरीकों पर आधारित है. उसी प्राचीन परंपरा के तहत नशा कराकर मछलियों को भोजन बनाने का भी इनका अपना ही तरीका है.