बालाघाट। जिले में एक बाघ की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है. इससे वन विभाग की चुनौती बढ़ गई है. बालाघाट जिले के वारासिवनी वनपरिक्षेत्र की घटना है, खड़गपुर के बीट क्रमांक 543 के पास राजीव सागर परियोजना की नहर में 7 मई को एक बाघ मरा हुआ पाया मिला. विभाग के शुरूआती जांच में पता चला है कि उसकी मौत सड़क पार करते वक्त किसी वाहन से हुई है. हालांकि अभी भी कई ऐसे सवाल हैं, जिनकी तलाश वन विभाग को है. उसके अनुसार इस मामले में जांच जारी है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई मौत के कारणों की पुष्टि
बता दें कि जिले के वारासिवनी वनपरिक्षेत्र की खबर है. यहां खड़गपुर बीट क्रमांक 543 के पास राजीव सागर परियोजना की नहर में 7 मई को एक बाघ मृत पाया गया था. उसके बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. अब उसकी पीएम रिपोर्ट सामने आ गई है, जिससे उसके मौत के कारण की पुष्टि हो चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार बाघ की मौत किसी वाहन से टकरा जाने की वजह से बताई जा रही है. नहर में मृत मिले बाघ का पोस्टमार्टम शनिवार को कान्हा नेशनल पार्क के डॉक्टर संदीप अग्रवाल ने किया.
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बाघ पर मिले चोट के निशान
मामले में जानकारी देते हुए सीसीएफ एन के सनोडिया ने बताया कि बाघ की मौत न जहर खिलाने से हुई और ना ही करंट लगने से. उसके मुंह और आंख के बीच चोट के निशान मिले हैं. इससे इस बात की आशंका हैं कि सड़क पार करने के दौरान उसकी मौत किसी वाहन के टकराने से हुई है. हालांकि उनका कहना है कि बाघ नहर तक कैसे आया यह विभाग के लिए जांच का विषय बन गया हैं. उन्होंने बताया कि बाघ की मौत की वजह जानने के लिए वन विभाग ने प्रारंभिक जांच करा ली है. मौके से स्थिति का जायजा लेने के साथ ही पीएम की प्रारंभिक रिपोर्ट ने स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. हालांकि बाघ की मौत के निशान तलाश कर वन विभाग की टीम जांच में जुट गई हैं.