बालाघाट। कोरोना वायरस का असर खासकर रोजी-रोटी की तलाश में अपने घरों से दूर रह रहे लोगों पर पड़ा है. रोज कमाने-खाने वाले लोगों पर तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. बडे़ शहरों से हजारों लोगों के पलायन की तस्वीरें सामने आ रही हैं. उनकी घर पहुंचने की जिद और मजबूरी के चलते सोशल डिस्टेसिंंग की धज्जियां तो उड़ ही रही हैं. साथ ही इन पलायन कर रहे लोगों की खुद की जान भी खतरे में है. जिसमें हजारों-हजारों लोग अपने-अपने घरों को जाने की जद्दाेजहद करते नजर आ रहे हैं.
इसे लेकर बुधवार को एक बस मज़दूरों को लेकर बालाघाट से सिवनी प्रशासनिक अनुमति के साथ गई थी, लेकिन सिवनी पुलिसकर्मियों ने बालाघाट प्रशासन का आदेश नहीं माना और बस को वापस भेजने के साथ बस के ड्राइवर के साथ मारपीट कर मुर्गा भी बनाया.
बस में मौजूद मजदूर उत्तर प्रदेश तो कोई बिहार के रहने वाले हैं, जिन्हें बालाघाट जिला प्रशासन रुकने और भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ उनके गन्तव्य तक पहुंचने की व्यवस्था भी कर रहा है, सिवनी जिले की पुलिस का कारनामा इंसानियत के नाम पर धब्बा लगाने का काम कर रही है.