बालाघाट। बालाघाट में एकबार फिर लाल आतंक का कहर देखने को मिला है, जहां जिले के तहसील परसवाड़ा अंतर्गत आनेवाले ग्राम पंचायत शैला के वनांचल गांव मालखेड़ी में नक्सलियों द्वारा दो ग्रामीणों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई है. इस घटना के बाद क्षेत्र में दहशत है. बालाघाट पुलिस (Balaghat Police) ने वारदात को कायराना हरकत बताते हुए जांच शुरू कर दी है.
चार नक्सलियों ने दिया वारदात को अंजाम
घटना के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि जब ग्रामीण जगदीश पटले और संतोष यादव अपने गांव में धान कूट रहे थे, तभी चार बंदूकधारी नक्सली (Naxalites) उनके घर के पास पहुंचे. उन्होंने जगदीश और संतोष का नाम पूछा, फिर दोनों ग्रामीणों को गांव के बाहर लाकर पेड़ से बांध दिया. पहले तो उनकी खूब पिटाई की गई, फिर सीने पर दागा गया, उसके बाद दोनों की गोली मार हत्या कर दी. ग्रामीण बताते हैं कि रात में उन्होंने गोली चलने की आवाज भी सुनी थी. बताया जा रहा है कि दोनों मृतकों का घर बिल्कुल आमने-सामने है. घटना के पश्चात ग्रामीणों ने सुबह दोनों के शवों को देखा, जिसके पश्चात चीख-पुकार मच गई. वही मौके पर शव के पास एक डंडा, फेंके गए 7 परचे, नीले कलर की रस्सी और खून से लथपथ रुमाल पड़े मिले हैं. परचे में जिले के एसपी (Balaghat SP) को मुखबिरी को लेकर धमकी दी गई है. घटना के बाद यहां ग्रामीणों का हुजूम लगा हुआ है. परिजनों ने बताया कि बीती रात दो पुरुषों के साथ दो महिला नक्सली भी गांव में आई थी. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि नक्सलियों को दोनों के घर का पता भी किसी और ने बताया.
चार नक्सलियों में दो महिला नक्सली
मारे गये संतोष की तीन बेटियां मां और पत्नी हैं. परिवारवालों का कहना है कि रात में दो पुरुष और दो महिलाएं बंदूक लेकर आई थीं. संतोष के पिता तेजराम पटेल ने बताया कि 4 नक्सली संतोष को साथ लेकर गए थे. इनमें से तीन घर आए थे, एक बाहर ही खड़ा था. वे उससे जगदीश का घर पूछ रहे थे. मैंने पहली बार नक्सलियों को देखा, जब वह घर पर आए सभी के पास बंदूक थीं. वहीं जगदीश के बड़े भाई राजेंद्र पटेल ने बताया कि धान की मिसाई के लिए उन्होंने खेत में बेलन चलाने के लिए बैल बांध रखे थे, तभी दो महिला नक्सली उनके घर में पहुंची, उन्होंने जगदीश के हाथ से मोबाइल छीना। उसे लेकर घर के पीछे बाड़ी की ओर चली गईं. पहले राजेन्द्र भी पीछे-पीछे उस ओर गया, लेकिन घटनास्थल से जब आवाजें आने पर आगे जाने की हिम्मत नहीं हुई. वह घर लौट आया. सुबह 5 बजे पड़ोसियों ने बताया कि रात में गोली चलने की आवाज आई थी. बाद में परिजन जब खेत की ओर गए, तो दोनों की लाशें मिली. उनके हाथ नीले रंग की रस्सी से बंधे थे. सीने पर जलाने के निशान थे. सिर पर गोली मारी गई थी.
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मुखबिरी के शक में हत्या
मालखेड़ी में बीती रात नक्सली दो ग्रामीणों की निर्मम हत्या कर वहां से फरार हो गए. बताया जाता है कि नक्सलियों ने इस संदेह पर दोनों को मौत के घाट उतार दिया कि दोनों युवक पुलिस के लिए मुखबिरी करते हैं. यह भी जानकारी सामने आई कि पिछले 7 नवंबर 2020 को पुलिस ने मुठभेड़ (police naxalite encounter) में एक महिला नक्सली शारदा को इसी गांव में मार गिराया था. नक्सलियों को शक है कि शारदा को मार गिराने में सहयोग करने वाले यह ग्रामीण पुलिस के मुखबिर हैं और इसी के चलते वे उन पर संदेह करते हुए मौके की तलाश में थे. बीती रात मौका मिलते ही उन्होंने दोनों ग्रामीणों की निर्मम हत्या कर दी. इस पूरे मामले पर नक्सलियों ने पर्चा फेंक कर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी को भी चेताया है.