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नोडल अधिकारी ने कोरोना को लेकर की बैठक, आवश्यक दिशा निर्देश दिए

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Published : Jul 21, 2020, 9:35 PM IST

वित्त विभाग के सचिव मुकेश चंद गुप्ता को नोडल अधिकारी बनाया गया है. नोडल अधिकारी बनते ही उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर बैठक ली, जिसमें विशेष दिशा-निर्देश दिए गए. वहीं कोविड अस्पताल सहित क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया गया.

meeting regarding corona
कोरोना के लेकर बैठक का आयोजन

बालाघाट। राज्य शासन द्वारा वित्त विभाग के सचिव मुकेश चंद गुप्ता को बालाघाट, सिवनी, मंडला और डिंडोरी में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और इलाज पर निगरानी रखने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है.

नोडल अधिकारी बनते ही मुकेश चंद गुप्ता ने अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए कार्यों सहित पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने बुढ़ी में बनाए गए कोविड अस्पताल, रेंजर कॉलेज और गोंगलई छात्रावास क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया.

मुकेश चंद गुप्ता ने अधिकारियों की बैठक में खंड चिकित्सा अधिकारियों और एसडीएम को निर्देशित किया कि अन्य राज्यों सहित हॉटस्पॉट शहरों से आने वाले लोगों को कोरोना संदिग्ध मरीजों की कैटेगरी में रखा जाए और संस्थागत में क्वारंटाइन किया जाए. इसके बाद उनके सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए लिए जाएं, ताकि पॉजिटिव मामले की पुष्टि हो सके. वहीं उनकी कांटेक्ट हिस्ट्री निकाली जाए. कोरोना मरीज की कांटेक्ट में आए प्रत्येक व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाए. कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का संक्रमण अन्य लोगों तक ना फैले, इसके लिए सारे कार्य सावधानी और जिम्मेदारी के साथ किए जाएं.

इलाज के बाद डिस्चार्ज होने वाले मरीजों पर भी निगरानी रखी जाए. गांवों और नगरीय क्षेत्रों में बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सूचना तत्काल प्राप्त करने के लिए अपना इनफॉर्मेशन सिस्टम बनाए.

बैठक में कोरोना संक्रमण के दौरान 22 मार्च 2020 को घोषित लॉकडाउन से लेकर अब तक किए गए कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई. इस दौरान बताया गया कि जिले में एक लाख 18 हजार प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों और शहरों से वापस लौटे हैं. प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जहां मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड बनाकर काम दिलाया गया.

कोरोना संदिग्ध मरीजों का पता लगाने के लिए जिलेभर में 12 स्थानों पर फीवर क्लीनिक बनाए गए हैं. 'किल कोरोना' अभियान के तहत 18 लाख 11 हजार 711 लोगों का घर-घर जाकर सर्वे किया गया है. अब तक कुल 2 हजार 800 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर कोरोना टेस्ट कराए जा चुके हैं. इसमें से कुल 74 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं 51 मरीज इलाज के बाद ठीक होकर अपने घर वापस लौट चुके हैं. इसके अलावा 23 एक्टिव मरीजों का इलाज जारी है.

बालाघाट। राज्य शासन द्वारा वित्त विभाग के सचिव मुकेश चंद गुप्ता को बालाघाट, सिवनी, मंडला और डिंडोरी में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और इलाज पर निगरानी रखने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है.

नोडल अधिकारी बनते ही मुकेश चंद गुप्ता ने अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए कार्यों सहित पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने बुढ़ी में बनाए गए कोविड अस्पताल, रेंजर कॉलेज और गोंगलई छात्रावास क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया.

मुकेश चंद गुप्ता ने अधिकारियों की बैठक में खंड चिकित्सा अधिकारियों और एसडीएम को निर्देशित किया कि अन्य राज्यों सहित हॉटस्पॉट शहरों से आने वाले लोगों को कोरोना संदिग्ध मरीजों की कैटेगरी में रखा जाए और संस्थागत में क्वारंटाइन किया जाए. इसके बाद उनके सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए लिए जाएं, ताकि पॉजिटिव मामले की पुष्टि हो सके. वहीं उनकी कांटेक्ट हिस्ट्री निकाली जाए. कोरोना मरीज की कांटेक्ट में आए प्रत्येक व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाए. कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का संक्रमण अन्य लोगों तक ना फैले, इसके लिए सारे कार्य सावधानी और जिम्मेदारी के साथ किए जाएं.

इलाज के बाद डिस्चार्ज होने वाले मरीजों पर भी निगरानी रखी जाए. गांवों और नगरीय क्षेत्रों में बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सूचना तत्काल प्राप्त करने के लिए अपना इनफॉर्मेशन सिस्टम बनाए.

बैठक में कोरोना संक्रमण के दौरान 22 मार्च 2020 को घोषित लॉकडाउन से लेकर अब तक किए गए कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई. इस दौरान बताया गया कि जिले में एक लाख 18 हजार प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों और शहरों से वापस लौटे हैं. प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जहां मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड बनाकर काम दिलाया गया.

कोरोना संदिग्ध मरीजों का पता लगाने के लिए जिलेभर में 12 स्थानों पर फीवर क्लीनिक बनाए गए हैं. 'किल कोरोना' अभियान के तहत 18 लाख 11 हजार 711 लोगों का घर-घर जाकर सर्वे किया गया है. अब तक कुल 2 हजार 800 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर कोरोना टेस्ट कराए जा चुके हैं. इसमें से कुल 74 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं 51 मरीज इलाज के बाद ठीक होकर अपने घर वापस लौट चुके हैं. इसके अलावा 23 एक्टिव मरीजों का इलाज जारी है.

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