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बालाघाट में नक्सलियों ने CAA के विरोध में बांटे पर्चे, अलर्ट हुई पुलिस, बढ़ाई गई सर्चिग - नक्सलियों ने किया सीएए का विरोध

छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट के कुछ ग्रामीण हिस्सों में नक्सलियों ने पर्चे बांटकर सीएए का विरोध किया है. मामला सामने आने के बाद से ही पुलिस अलर्ट है. जिले के एसपी का कहना है कि उन्होंने उन स्थानों पर सर्चिंग बढ़ा दी है जहां यह पर्चे बांटे गए हैं.

Abhishek Tiwari, SP, Balaghat
अभिषेक तिवारी, एसपी, बालाघाट
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Published : Jan 9, 2020, 11:40 AM IST

बालाघाट। प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में नक्सलियों ने सीएए का विरोध करते हुए स्थानीय ग्रामीणों को पर्चे बांटे हैं. जिनमें मोदी सरकार का विरोध करते हुए सीएए वापस लेने की मांग की गई है. मामला सामने आने के बाद से जिला प्रशासन और पुलिस सतर्क नजर आ रही है.

बालाघाट जिले में नक्सलियों ने CAA के विरोध में बांटे पर्चे

नक्सलियों ने जो पर्चे बांटे हैं, उनमें जल, जंगल, जमीन पर आदिवासी और वन निवासी जनता का अधिकार बताते हुए लिखा कि, उनके लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा. बेरोजगारी के लिये केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए ग्रामीणों से केंद्र सरकार का विरोध करने की बात लिखी गई है.

balaghat news
नक्सलियों द्वारा बांटे गए पर्चे

बालाघाट जिले के एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि, इस तरह के पर्चों का ग्रामीण इलाकों में प्रभाव नहीं है. पुलिस लगातार इन ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरण अभियान चल रही है और अलर्ट भी बनी हुई है. जिससे नक्सलियों पर दबाव बना हुआ है. उन्होंने कहा कि, मामला सामने आने के बाद सर्चिंग और बढ़ा दी गई, क्षेत्र में डोमिनेशन भी तैयार किया जा रहा है. हालांकि जब एसपी से पूछा गया कि सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर नक्सली विरोध क्यों कर रहे हैं. इस पर एसपी ने कहा कि, वो इस मसले पर ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे.

बालाघाट। प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में नक्सलियों ने सीएए का विरोध करते हुए स्थानीय ग्रामीणों को पर्चे बांटे हैं. जिनमें मोदी सरकार का विरोध करते हुए सीएए वापस लेने की मांग की गई है. मामला सामने आने के बाद से जिला प्रशासन और पुलिस सतर्क नजर आ रही है.

बालाघाट जिले में नक्सलियों ने CAA के विरोध में बांटे पर्चे

नक्सलियों ने जो पर्चे बांटे हैं, उनमें जल, जंगल, जमीन पर आदिवासी और वन निवासी जनता का अधिकार बताते हुए लिखा कि, उनके लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा. बेरोजगारी के लिये केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए ग्रामीणों से केंद्र सरकार का विरोध करने की बात लिखी गई है.

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नक्सलियों द्वारा बांटे गए पर्चे

बालाघाट जिले के एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि, इस तरह के पर्चों का ग्रामीण इलाकों में प्रभाव नहीं है. पुलिस लगातार इन ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरण अभियान चल रही है और अलर्ट भी बनी हुई है. जिससे नक्सलियों पर दबाव बना हुआ है. उन्होंने कहा कि, मामला सामने आने के बाद सर्चिंग और बढ़ा दी गई, क्षेत्र में डोमिनेशन भी तैयार किया जा रहा है. हालांकि जब एसपी से पूछा गया कि सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर नक्सली विरोध क्यों कर रहे हैं. इस पर एसपी ने कहा कि, वो इस मसले पर ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे.

Intro:बालाघाट।बालाघाट जिले में सक्रिय  नक्सलियों ने भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध किया है।
कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में रह रहे आदिवासियों के विस्थापन का भी विरोध करते हुये संघर्ष करने की बात कही है। इस आशय के पर्चे और पम्पलेट मुक्की के समनापुर और बाघाटोला सहित अन्य गांवों से बरामद हुये हैं। जिसकी पुष्टि एसपी अभिषेक तिवारी ने की है।


Body:भारत की कम्युनिष्ट पार्टी माओवादी एम.एम.सी. स्पेशल जोनल कमेटी  कान्हा भोरम दलम द्वारा ग्रामीणों को जो पर्चे दिये हैं उनमें नागरिकता संशोधन कानून और एनआसी वापस लेने का उल्लेख किया गया है। पर्चे में संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले मोदी,शाह और भागवत के नापाक इरादे को ध्वस्त करने का उल्लेख किया गया है। अर्थ व्यवस्था की खस्ता हालत अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है। बेरोजगारी के लिये जिम्मेदार मोदी सरकार को उखाड़ फेकने का भी उल्लेख किया गया है और प्रतिरोध कर रहे छात्र और आम जनता पर लाठी गोली बरसाने वाली मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी का भी उल्लेख किया गया है। इसके अलावा जल,जंगल,जमीन पर आदिवासी और वन निवासी जनता का अधिकार है तथा जोतने वालों को जमीन और सारी सत्ता क्रांतिकारी किसान कमेटी के हाथ में होने की बात कही है। जंगल पर निर्भर आदिवासी और अन्य निवासी जनता को सरकार जंगल से भगा रही है। बॉर्डर पर घर बनाने वालों का छ.ग.वन विभाग झोपड़ियां जला रही है। जंगली जानवरों को बचाने के बहाने इंसानों की जिन्दगी तबाह कर रहे हैं जिसका उनकी पार्टी विरोध कर रही है। Conclusion:हालांकि एसपी ने कहा कि इस तरह के पर्चे का ग्रामीण इलाकों में प्रभाव नहीं है। पुलिस सामुदायिक के तहत  जनजागरण कर रही हैं पुलिस एलर्ट हैं और इससे नक्सलियों पर दबाव बना हुआ है । सेचिंग बढ़ा दी गई है तथा एरिया डोमिनेशन किया जा रहा है । सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर नक्सलियों का विरोध क्यों ? के सवाल पर एसपी ने कहा कि मैं इस पर ज्यादा कुछ कमेंट नहीं करूंगा । नक्सली इसी तरह लोगों को भ्रमित करने का काम करते हैं जिसका कोई प्रभाव आम जनमानस पर नहीं पड़ता ।

      

बाईट - अभिषेक तिवारी (एसपी,बालाघाट)

श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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